(कैलाश कोर्डे)
मुंबई, दो मार्च (भाषा) महाराष्ट्र में पिछले पांच साल में लगभग 10 लाख नए वाहन अनिवार्य उच्च सुरक्षा पंजीकरण प्लेट (एचएसआरपी) के बिना सड़क पर आए हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी है।
सरकार ने वाहन चोरी पर अंकुश लगाने और पहचान में एकरूपता लाने के लिए एक अप्रैल, 2019 से पहले पंजीकृत वाहनों के लिए एचएसआरपी अनिवार्य कर दिया है। इससे वाहनों को ग्राहकों को सौंपने से पहले एचएसआरपी को लगाने की जिम्मेदारी विनिर्माताओं पर आ गई है।
इसने एचएसआरपी लगाने की समयसीमा 30 अप्रैल तक बढ़ा दी।
राज्य सरकार ने एक अप्रैल, 2019 से पहले पंजीकृत अनुमानित 2.10 करोड़ पुराने वाहनों के लिए भी एचएसआरपी को अनिवार्य कर दिया है।
एचएसआरपी के ‘फिटमेंट’ पर हाल ही में की गई आंतरिक समीक्षा से संकेत मिलता है कि 1.15 करोड़ पंजीकृत वाहनों में से 1.05 करोड़ में एचएसआरपी लगी है, जबकि 9.98 लाख वाहन इसके बिना चल रहे हैं।
इसके चलते महाराष्ट्र परिवहन आयुक्त कार्यालय ने पिछले महीने क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (आरटीओ) को अप्रैल, 2019 के बाद पंजीकृत वाहनों के खिलाफ विशेष अभियान शुरू करने का निर्देश दिया है। हालांकि, इसके बावजूद वाहन बिना एचएसआरपी के चल रहे हैं। इन्हें आमतौर पर ‘इंड’ या ‘इंडिया’ नंबर प्लेट कहा जाता है।
दुर्लभ एल्युमीनियम मिश्र धातु से बने एचएसआरपी में ‘इंडिया’ शिलालेख के साथ एक रेट्रो-रिफ्लेक्टिव फिल्म, एक क्रोमियम-आधारित अशोक चक्र होलोग्राम, नीले रंग में हॉट-स्टैम्प्ड अक्षर ‘इंड’ और एक खास तरह का 10-अंक का लेजर-उत्कीर्ण सीरियल नंबर होता है। यह इसे छेड़छाड़ की संभावना से बचाता है।
स्नैप लॉक का उपयोग करके फिट किए जाने पर जबरन हटाने पर एचएसआरपी क्षतिग्रस्त हो जाती है।
एचएसआरपी नियम के अनुसार, दोपहिया और ट्रैक्टर को छोड़कर प्रत्येक वाहन में पंजीकरण विवरण निर्दिष्ट करते हुए विंडशील्ड के अंदरुनी हिस्से पर क्रोमियम-आधारित होलोग्राम स्टिकर लगा होना चाहिए। बिना एचएसआरपी वाले 10 लाख नए वाहनों में से कई सरकारी स्वामित्व वाले हैं।
महाराष्ट्र में वाहनों की कुल संख्या चार करोड़ से अधिक है। लंबी निविदा प्रक्रिया के बाद, परिवहन विभाग ने एचएसआरपी लगाने के लिए तीन कंपनियों को नियुक्त किया है। पुराने वाहनों में एचएसआरपी लगाने का वास्तविक काम दिसंबर, 2024 में शुरू हुआ था।
हालांकि, पुराने वाहनों में एचएसआरपी लगाने की प्रक्रिया कीमत के मुद्दे पर विवादों में घिर गई है।
विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि एचएसआरपी के लिए उच्च शुल्क लिया जा रहा है। महाराष्ट्र सरकार ने इस आरोप को यह कहते हुए नकार दिया कि इसकी कीमतें अन्य राज्यों के बराबर है।
बिना एचएसआरपी वाले कई नए पंजीकृत वाहन इसके बजाय अंग्रेजी या देवनागरी लिपि में ‘डीएडीए’, ‘बीएचएयू’ और अन्य ऐसे शब्दों को लिखने के लिए अंक के साथ फैंसी नंबर प्लेट लगा रहे हैं।
कई नंबर प्लेट में बहुत छोटे अक्षर और अंक होते हैं (अंतिम चार नंबर को छोड़कर) ताकि राजमार्गों और जंक्शन पर यातायात की निगरानी के लिए लगाए गए कैमरों से बचा जा सके।
भाषा अजय
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