हमारी स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा प्रणालियां वस्तुकरण और व्यावसायीकरण से ग्रस्त हो रही हैं: धनखड़ |

Ankit
1 Min Read


मुंबई, एक मार्च (भाषा) उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को कहा कि स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा प्रणालियां वस्तुकरण और व्यावसायीकरण से ग्रस्त हो रही हैं।


दक्षिण मुंबई में केपीबी हिंदुजा कॉलेज के वार्षिक दिवस समारोह में धनखड़ ने कहा कि सनातन भारत की सभ्यतागत लोकाचार और सार का हिस्सा रहा है। उन्होंने कहा कि सनातन को देश की संस्कृति और शिक्षा का हिस्सा होना चाहिए, क्योंकि यह समावेशिता का प्रतीक है। उन्होंने जड़ों से जुड़े रहने की आवश्यकता पर बल दिया।

उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘परोपकारी प्रयासों को वस्तुकरण और व्यावसायीकरण के दर्शन से प्रेरित नहीं होना चाहिए। हमारी स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा प्रणालियां इनसे ग्रस्त हैं।’’

वस्तुकरण से तात्पर्य किसी चीज को ऐसी वस्तु बनाने से है, जिसे खरीदा, बेचा या जिसका आदान-प्रदान किया जा सके।

उन्होंने शिक्षा को सबसे प्रभावशाली परिवर्तनकारी तंत्र भी बताया, जो समानता लाती है।

भाषा

देवेंद्र दिलीप

दिलीप



Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *