ढाका, 28 फरवरी (भाषा) बांग्लादेश सरकार ने पिछले साल के जन आंदोलन के दौरान घायल हुए 1,401 लोगों को ‘जुलाई योद्धा’ के रूप में मान्यता दी है, जिसके कारण तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग सरकार का पतन हो गया था।
भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन ने विद्रोह का नेतृत्व किया, जिसके परिणामस्वरूप पिछले साल पांच अगस्त को हसीना के 15 साल से अधिक लंबे शासन का अंत हो गया। हसीना अपने पद से हटने के बाद भारत चली गईं।
‘ढाका ट्रिब्यून’ अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, मुक्ति संग्राम मामलों के मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को दो राजपत्र अधिसूचनाएं जारी कर आंदोलन के दौरान घायल हुए लोगों को आधिकारिक रूप से ‘जुलाई योद्धा’ के रूप में मान्यता दी।
रिपोर्ट के अनुसार, श्रेणी ‘ए’ में 493 लोग शामिल हैं जो आंदोलन के दौरान घायल हुए और उनकी हालत नाजुक थी, जबकि श्रेणी ‘बी’ में 908 लोग शामिल हैं जो गंभीर रूप से घायल हुए थे।
सरकार ऐसे मृतकों और घायलों के परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करेगी, जिनका नाम सूची में है। घायलों को उनकी श्रेणी के आधार पर मासिक भत्ता भी मिलेगा।
भाषा शफीक माधव
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