नयी दिल्ली, 27 फरवरी (भाषा) ओला इलेक्ट्रिक ने समूचे भारत में अपने क्षेत्रीय गोदामों को बंद कर दिया है और अब वह बचे वाहनों, कल पुर्जों, सहायक उपकरण आदि की आपूर्ति देश भर में अपने 4,000 खुदरा बिक्री केंद्रों से करेगी।
मामले से अवगत सूत्रों ने बताया कि इस रणनीतिक कदम से कर पूर्व आय (ईबीआईटीडीए) मुनाफे में करीब 10 प्रतिशत अंकों की वृद्धि होने के अलावा बचे वाहनों के कल पुर्जों के प्रबंधन में सुधार और ग्राहकों को तेजी से आपूर्ति मिलने की उम्मीद है।
ओला इलेक्ट्रिक अपने वितरण नेटवर्क को नया स्वरूप दे रही है। वह वाहन पंजीकरण प्रक्रिया को अनुकूल बना रही है, क्योंकि भारत की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन विनिर्माता कंपनी ने त्वरित लाभप्रदता अभियान के तहत करीब 30 करोड़ रुपये मासिक बचत का लक्ष्य रखा है।
आंतरिक सूत्रों ने संकेत दिया कि कंपनी इस महीने 25,000 से अधिक इकाइयां बेचने की राह पर है, जिससे ईवी दोपहिया वाहन खंड में उसकी अग्रणी स्थिति बरकरार रहेगी।
कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम उजागर न करने शर्त पर कहा, ‘‘ ‘फ्रंट-एंड नेटवर्क’ का नया स्वरूप यह दर्शाता है कि हम बचे वाहनों, कल पुर्जों का प्रबंधन कैसे करते हैं और ग्राहकों को कैसी सेवा प्रदान करते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे प्रारंभिक वितरण मॉडल ने हमारे शुरुआती विकास चरण के दौरान अपना उद्देश्य पूरा किया है। अब कंपनी के तेजी से विस्तार ने ‘फ्रंट-एंड’ को पुनः तैयार करना आवश्यक बना दिया है।’’
सूत्रों ने बताया कि पुनर्गठित नेटवर्क ओला को बचे वाहनों, कल पुर्जों का प्रबंधन सीधे खुदरा स्थानों पर करने की अनुमति देता है, जिससे संपूर्ण वितरण परत समाप्त हो जाती है। वहीं बिक्री केंद्र, वितरण बिंदु के तौर पर काम करने में सक्षम होते हैं, जिससे अंतिम मील के खर्च में कमी आती है और ग्राहक अनुभव में सुधार होता है।
सूत्रों ने कहा कि बचे वाहनों, कल पुर्जों की प्रक्रिया में लगने वाले समय को 30 दिन से घटाकर 15 दिन कर दिया गया है। वहीं आपूर्ति की समयसीमा भी 10 दिन से घटाकर चार दिन कर दी गई है।
भाषा निहारिका मनीषा
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