ग्रामीण विकास विभाग के कुल बजट में मनरेगा, प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना की 75 प्रतिशत हिस्सेदारी

Ankit
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नयी दिल्ली, 26 फरवरी (भाषा) सरकार की प्रमुख योजनाओं मनरेगा और प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के लिए आवंटन ग्रामीण विकास विभाग के कुल बजटीय आवंटन का 75 प्रतिशत है। एक रिपोर्ट में यह कहा गया है।


वित्त वर्ष 2025-26 के केंद्रीय बजट में ग्रामीण विकास मंत्रालय को 1,90,406 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

शोध संस्थान पीआरएस लेजिस्लेटिव की रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार प्रदान करने, आर्थिक विकास का समर्थन करने और गरीबों और कमजोरों के लिए आजीविका और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कार्यक्रम लागू करने वाले ग्रामीण विकास विभाग को 1,87,755 करोड़ रुपये आवंटित किए गए। यह 2024-25 के संशोधित अनुमान से आठ प्रतिशत अधिक है। जबकि भूमि संसाधन विभाग को 2,651 करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जो 2024-25 के संशोधित अनुमान से 35 प्रतिशत अधिक है।

भारत में 2021 की स्थिति के अनुसार, 65 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है।

मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के तहत ग्रामीण परिवारों के वयस्कों के लिए एक वित्त वर्ष में 100 दिन का गारंटीशुदा रोजगार प्रदान किया जाता है। सरकार की इस प्रमुख योजना के लिए बजट ग्रामीण विकास विभाग के लिए कुल आवंटन का 46 प्रतिशत है। जबकि प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना को विभाग के कुल आवंटन का लगभग 29 प्रतिशत हिस्सा मिला। दोनों योजनाओं के लिए आवंटन कुल बजटीय आवंटन का 75 प्रतिशत है।

इसके बाद राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन और प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना और राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम का स्थान है। जहां राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन और प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के लिए बजट कुल आवंटन का 10-10 प्रतिशत है, वहीं राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम का हिस्सा पांच प्रतिशत है।

पीआरएस रिपोर्ट में कहा गया है कि 2014-15 और 2025-26 के बीच, विभाग का बजटीय आवंटन सालाना औसतन 12 प्रतिशत की दर से बढ़ा है।

रिपोर्ट कहती है कि 2020-21 और 2022-23 के बीच, महामारी के दौरान अधिक वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए विभाग को आवंटन में उल्लेखनीय वृद्धि की गई थी। यह बढ़ा हुआ आवंटन मनरेगा और कल्याणकारी योजनाओं के लिए था। इसमें प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत महिलाओं को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण शामिल है।

प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की शुरुआत गांवों में आवास की मांग और आपूर्ति में अंतर को दूर करने के लिए की गयी। योजना के तहत लक्ष्य 2022 तक सभी के लिए आवास सुनिश्चित करना था। इस योजना के लिए 54,832 करोड़ रुपये आवंटित किए गए। यह 2024-25 के संशोधित अनुमान से 69 प्रतिशत अधिक है।

रिपोर्ट के अनुसार हालांकि, 2024-25 के संशोधित अनुमान के अनुसार, योजना के लिए आवंटित धनराशि का 41 प्रतिशत उपयोग नहीं किया गया था।

सामाजिक आर्थिक और जाति जनगणना (एसईसीसी), 2011 के आधार पर, गांवों में 4.03 करोड़ आवास की कमी का अनुमान है।

प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के लिए 2025-26 में 19,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जो 2024-25 के संशोधित अनुमान से 31 प्रतिशत अधिक है। योजना का मकसद गांवों की सभी पात्र बस्तियों को बारहमासी सड़क संपर्क योजना प्रदान करना है।

भूमि संसाधन विभाग को 2025-26 के लिए 2,651 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो पिछले वर्ष के संशोधित अनुमान से 35 प्रतिशत अधिक है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2013-14 के बाद से, विभाग का वास्तविक खर्च लगातार बजटीय अनुमान से कम रहा है। 2024-25 के संशोधित अनुमान के अनुसार विभाग के 74 प्रतिशत कोष का उपयोग किया जा चुका है।

विभाग दो प्रमुख योजनाएं… भूमि रिकॉर्ड के प्रबंधन को आधुनिक बनाने के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना वाटरशेड विकास घटक (पीएमकेएसवाई-डब्ल्यूडीसी) और डिजिटल इंडिया भूमि रिकॉर्ड आधुनिकीकरण कार्यक्रम (डीआईएलआरएमपी)…क्रियान्वित करता है।

भाषा रमण अजय

अजय



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