मलकानगिरी, 25 फरवरी (भाषा) ओडिशा के मलकानगिरी जिले में एक सरकारी आवासीय स्कूल के छात्रावास में 10वीं कक्षा की एक छात्रा द्वारा एक बच्चे को जन्म देने के एक दिन बाद मंगलवार को संस्थान के प्रधानाध्यापक को निलंबित कर दिया गया।
अधिकारियों ने बताया कि जांच के बाद मलकानगिरी जिला प्रशासन ने छात्रावास की संचालिका सुचित्रा चर्ची को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया और एक एएनएम को निलंबित कर दिया।
पुलिस ने बताया कि सोमवार को बोर्ड परीक्षा देने के बाद छात्रावास लौटने पर छात्रा ने एक बच्ची को जन्म दिया।
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विकास और अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा संचालित स्कूल के प्रधानाध्यापक ने कहा, “कन्या छात्रावास में पुरुषों का प्रवेश वर्जित है। हमें नहीं पता कि छात्रा कैसे गर्भवती हुई।”
प्रधानाध्यापक के अनुसार, “स्वास्थ्य कर्मियों को छात्रावास में रहने वाली सभी छात्राओं की साप्ताहिक जांच करनी होती है। यह घटना दिखाती है कि स्वास्थ्य कर्मी अपना काम ठीक से नहीं कर रही थी।”
अधिकारियों के मुताबिक, छात्रा और उसके बच्चे को चित्रकोंडा के उप-मंडलीय अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें मलकानगिरी जिला मुख्यालय अस्पताल स्थानांतरित कर दिया गया।
अस्पताल के सूत्रों ने कहा कि छात्रा ने गर्भावस्था के आठवें महीने में समय-पूर्व शिशु को जन्म दिया।
चित्रकोंडा के उप-मंडल पुलिस अधिकारी प्रदोष प्रधान ने बताया कि घटना के सिलसिले में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
एक अधिकारी ने बताया कि घटना को लेकर हंगामा मचने के बाद जिला प्रशासन ने छात्रावास की संचालिका सुचित्रा चर्ची को तत्काल प्रभाव से पद से हटा दिया, जबकि स्कूल के प्रधानाध्यापक अजित कुमार मदकामी और एएनएम कविता कुमारी को निलंबित कर दिया।
छात्रा के माता-पिता ने स्कूल प्रशासन से जानना चाहा कि प्रसव पीड़ा शुरू होने तक उसके गर्भवती होने की बात कैसे छिपी रही।
जिला कल्याण अधिकारी श्रीनिवास आचार्य ने कहा कि छात्रा संभवत: तब गर्भवती हुई होगी, जब वह छुट्टियां मनाने के लिए अपने घर गई थी। उन्होंने बताया कि मामले की विभागीय जांच शुरू कर दी गई है और पुलिस ने छात्रा को गर्भवती करने के संदेह में एक व्यक्ति को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ की है।
भाषा पारुल माधव
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