नासिक, 25 फरवरी (भाषा) महाराष्ट्र के नासिक में महाशिवरात्रि के अवसर पर प्रसिद्ध त्र्यंबकेश्वर मंदिर में अभिनेत्री प्राजक्ता माली की नृत्य प्रस्तुति का कई वर्गों द्वारा विरोध किया जा रहा है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने भी मंदिर प्राधिकारियों से वहां कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित नहीं करने को कहा है।
भगवान शिव को समर्पित त्र्यम्बकेश्वर मंदिर में पूरे वर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
मंदिर प्राधिकारियों ने बुधवार को महाशिवरात्रि के अवसर पर मंदिर परिसर में अभिनेत्री प्राजक्ता माली की ‘शिव स्तुति’ नृत्य प्रस्तुति का आयोजन किया है। हालांकि, मंदिर के पूर्व न्यासियों सहित कई लोगों ने इसका विरोध करते हुए कहा है कि इससे बड़ी भीड़ एकत्र होगी और कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा हो सकती है।
एएसआई के छत्रपति संभाजीनगर ‘सर्कल’ के अधिकारियों ने सोमवार को मंदिर के अधिकारियों को एक पत्र लिखकर वहां कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित नहीं करने को कहा।
एएसआई ने कहा कि मंदिर परिसर में महाशिवरात्रि के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करना प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष (एएमएएसआर) अधिनियम, 1958 और इसके नियम, 1959 का उल्लंघन है।
त्र्यंबकेश्वर मंदिर की पूर्व न्यासी ललिता शिंदे ने भी इस प्रस्तावित कार्यक्रम का विरोध किया और पुलिस उपाधीक्षक वासुदेव देसले को पत्र सौंपकर कार्रवाई की मांग की।
इस संबंध में पूछे जाने पर त्र्यंबकेश्वर देवस्थान की सचिव और त्र्यंबकेश्वर नगर परिषद की सीईओ श्रेया देवचक्के ने बताया कि हाल ही में मंदिर की यात्रा के दौरान अभिनेत्री प्राजक्ता माली ने वहां नृत्य प्रस्तुति देने की इच्छा व्यक्त की थी।
उन्होंने कहा, ”हालांकि मैं न्यास की सचिव हूं, लेकिन (उनकी प्रस्तुति के बारे में) निर्णय एक बैठक में सर्वसम्मति से लिया गया। अगर एएसआई को कोई आपत्ति है तो उसे लिखित पत्र देना चाहिए।”
भाषा पवनेश अविनाश
अविनाश