मुंबई, 24 फरवरी (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को कहा कि शहरी सहकारी बैंकों का व्यक्तियों को दिये गये आवास ऋण उनके कुल ऋणों के 25 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए।
यह कदम शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) को अधिक परिचालन स्वतंत्रता देने के लिए उठाया गया है।
मौजूदा निर्देशों के अनुसार, आवास, अचल संपत्ति और वाणिज्यिक अचल संपत्ति ऋणों के लिए यूसीबी का कुल जोखिम उसकी कुल संपत्ति के 10 प्रतिशत तक सीमित है। साथ ही व्यक्तियों को आवास ऋण देने के लिए 10 प्रतिशत की सीमा को कुल संपत्ति के अतिरिक्त पांच प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है।
आरबीआई ने नियामक उद्देश्यों को कमजोर किए बिना यूसीबी को अधिक परिचालन लचीलापन देने के उद्देश्य से संशोधित विवेकपूर्ण मानदंड जारी किए हैं।
इसमें कहा गया, ”छोटे मूल्य के ऋणों की परिभाषा को संशोधित करने का निर्णय लिया गया है।”
भाषा पाण्डेय रमण अनुराग
अनुराग