भोपाल, 24 फरवरी (भाषा) भारतीय सौर ऊर्जा निगम (सेकी) के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक आर. पी. गुप्ता ने सोमवार को कहा कि देश अगले पांच वर्षों में नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोतों से 500 गीगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य आसानी से हासिल कर लेगा, लेकिन 2047 तक 2,000 गीगावाट उत्पादन के मध्यवर्ती लक्ष्य को पूरा करने में चुनौतियां सामने आ सकती हैं।
मध्यप्रदेश सरकार के भोपाल में आयोजित वैश्विक निवेशक सम्मेलन ‘इन्वेस्ट मध्यप्रदेश’ के दौरान गुप्ता ने कहा कि ये चुनौतियां नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए भूमि की उपलब्धता, ऊर्जा के पारेषण और भंडारण प्रणालियों से जुड़ी होंगी। सेकी, देश में नवीकरणीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए नोडल एजेंसी है। गुप्ता ने कहा,‘‘ देश का निकट भविष्य का लक्ष्य 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ऊर्जा उत्पादन का है। हम इस साल जनवरी के अंत तक लगभग 218 गीगावाट की क्षमता तक पहुंच चुके हैं, जबकि करीब 150 गीगावाट क्षमता की परियोजनाओं पर काम जारी है।’
गुप्ता ने जोर देकर कहा कि देश में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में जिस तरह के विनियामक और परिवेश का निर्माण किया गया है, उसे देखते हुए उन्हें 2030 तक 500 गीगावाट के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य को प्राप्त करने में कोई समस्या नहीं दिखती।
उन्होंने एक अनुमान के हवाले से कहा कि 2070 तक देश के शुद्ध रूप से शुन्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए मध्यवर्ती अवधि में गैर-जीवाश्म स्रोतों से 2047 तक 2,000 गीगावाट बिजली उत्पादन की आवश्यकता होगी।
गुप्ता ने कहा, ‘‘अब यह कुछ ऐसा है जो चुनौती पेश करेगा।’’
उन्होंने कहा कि अक्षय ऊर्जा की अधिकांश परियोजनाएं उन राज्यों की ओर आकर्षित होंगी जहां भूमि या तो आसानी से उपलब्ध है या भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया सरल है।
गुप्ता ने कहा कि भूमि उपलब्ध कराने में मध्यप्रदेश बहुत सक्रिय रहा है, इसलिए यह राज्य अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में बहुत अधिक निवेश आकर्षित करेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि देश को ऊर्जा भंडारण के बुनियादी ढांचे की चुनौती से निपटने के लिए भी कदम उठाने होंगे। गुप्ता ने कहा कि इस सिलसिले में सकारात्मक पक्ष यह है कि ऊर्जा भंडारण प्रणालियों और बैटरी की कीमतें तेजी से कम हो रही हैं। भाषा हर्ष निहारिका
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