विमान में ‘टूटी’ सीट को लेकर शिवराज ने की एअर इंडिया की आलोचना, जांच का आदेश

Ankit
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भोपाल/मुंबई, 22 फरवरी (भाषा) केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को एअर इंडिया की आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें ‘टूटी और धंसी हुई’ सीट आवंटित की गई।


शिवराज चौहान ने साथ ही कहा कि यात्रियों से पूरा पैसा वसूलने के बाद एयरलाइन का उन्हें खराब और कष्टदायक सीट पर बैठाना अनैतिक है।

नागर विमानन मंत्री राममोहन नायडू ने एयरलाइन को ‘आवश्यक कार्रवाई’ करने का निर्देश दिया।

वहीं, एअर इंडिया ने इस घटना के लिए माफी मांगी और ‘गहन जांच’ के आदेश दिए, जबकि नागर निमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने इस मामले में एयरलाइन से रिपोर्ट मांगी।

बाद में, केंद्रीय कृषि मंत्री चौहान ने कहा कि उन्होंने अपने अनुभव के बारे में बात की, ताकि एयरलाइन के प्रबंधन को इसके बारे में पता चले और किसी यात्री को फिर से ऐसी समस्या का सामना न करना पड़े।

चौहान द्वारा ‘एक्स’ पर एक पोस्ट के जरिये अपना अनुभव साझा करने के बाद एअर इंडिया ने ‘असुविधा’ के लिए माफी मांगी है और घटना की ‘गहन’ जांच के आदेश दिए हैं।

चौहान ने कहा कि वह पूसा किसान मेले का उद्घाटन करने, कुरुक्षेत्र में प्राकृतिक खेती मिशन की बैठक में भाग लेने और चंडीगढ़ में किसान संगठन के प्रतिनिधियों से चर्चा करने के लिए भोपाल से दिल्ली जा रहे थे।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह भोपाल से दिल्ली जाने वाली एअर इंडिया की उड़ान एआई436 में सवार हुए थे।

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, ‘मुझे सीट क्रमांक 8सी आवंटित हुई। मैं जाकर सीट पर बैठा, सीट टूटी और अंदर धंसी हुई थी। बैठना तकलीफदायक था। जब मैंने विमानकर्मियों से पूछा कि खराब सीट थी तो आवंटित क्यों की? उन्होंने बताया कि प्रबंधन को पहले सूचित कर दिया था कि ये सीट ठीक नहीं है, इसका टिकट नहीं बेचना चाहिए। ऐसी एक नहीं और भी सीटें हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘सहयात्रियों ने बहुत आग्रह किया कि मैं उनसे सीट बदल कर अच्छी सीट पर बैठ जाऊं लेकिन मैं अपने लिए किसी और मित्र को तकलीफ क्यों दूं, मैंने फैसला किया कि मैं इसी सीट पर बैठकर अपनी यात्रा पूरी करूंगा। मेरी धारणा थी कि टाटा प्रबंधन के हाथ में लेने के बाद एअर इंडिया की सेवा बेहतर हुई होगी, लेकिन ये मेरा भ्रम निकला।’’

उन्होंने अपने पोस्ट में कहा, ‘‘मुझे बैठने में कष्ट की चिंता नहीं है लेकिन यात्रियों से पूरा पैसा वसूलने के बाद उन्हें खराब और कष्टदायक सीट पर बैठाना अनैतिक है। क्या ये यात्रियों के साथ धोखा नहीं है? क्या आगे किसी यात्री को ऐसा कष्ट न हो, इसके लिए एअर इंडिया प्रबंधन कदम उठाएगा या यात्रियों की जल्दी पहुंचने की मजबूरी का फायदा उठाता रहेगा।’’

दिल्ली से, मंत्री कुरुक्षेत्र में प्राकृतिक खेती मिशन की बैठक में भाग लेने के लिए आगे बढ़े, और चंडीगढ़ में किसान संगठन के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा करने वाले थे।

हरियाणा के कुरुक्षेत्र में पत्रकारों से बात करते हुए मंत्री ने कहा, ‘अगर कुछ गलत होता है, तो एक विकल्प इसके बारे में एक शब्द भी नहीं बोलना है। लेकिन मुझे लगा कि सवाल मेरा नहीं था। अगर अन्य यात्रियों को भी इसी तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है, तो प्रबंधन को भी इसके बारे में पता होना चाहिए ताकि यह स्थिति फिर से पैदा न हो। अगर वे पैसे ले रहे हैं, तो उन्हें उचित सेवा भी देनी चाहिए।’

नागरिक उड्डयन मंत्री के कार्यालय ने एक बयान में कहा कि मंत्री ने एअर इंडिया के बारे में चौहान की पोस्ट के बाद ‘त्वरित कार्रवाई’ की है।

नायडू ने एक बयान में कहा, ‘हमने इस मुद्दे पर तुरंत एअर इंडिया से बात की और उन्हें आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए। हमारी तरफ से डीजीसीए भी मामले के विवरण पर तुरंत गौर करेगा। मैंने व्यक्तिगत रूप से शिवराज जी से भी बात की है।’

इस बीच, नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन्होंने इस घटना पर एअर इंडिया से रिपोर्ट मांगी है। हालांकि, उन्होंने इस बारे में और विस्तार से नहीं बताया।

केंद्रीय मंत्री को हुई असुविधा के लिए ‘खेद’ व्यक्त करते हुए, एअर इंडिया के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘हम इस मामले की गहन जांच कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।’

उन्होंने कहा, ‘एअर इंडिया माननीय केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी को भोपाल से दिल्ली की उड़ान में हुई असुविधा के लिए गहरा खेद व्यक्त करता है।’

एअर इंडिया के प्रवक्ता ने कहा, ‘यह उस सेवा के मानक को नहीं दर्शाता है जिसे हम अपने मेहमानों को प्रदान करने का प्रयास करते हैं, और हम इस मामले की गहन जांच कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।’

चौहान के पोस्ट पर एअर इंडिया ने ‘एक्स’ पर जवाब दिया, ‘प्रिय महोदय, आपको हुई असुविधा के लिए हमें खेद है। कृपया आश्वस्त रहें कि हम भविष्य में ऐसी किसी भी घटना को रोकने के लिए इस मामले पर ध्यान दे रहे हैं। हम आपसे बात करने का अवसर चाहते हैं कृपया हमें संदेश भेजें कि आपसे कब बात हो सकती है।’’

भाषा

जोहेब

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