न्यूयॉर्क, 21 फरवरी (भाषा) फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआई) के नए निदेशक काश पटेल ने ब्यूरो पर विश्वास की पुनर्बहाली का संकल्प लिया। अमेरिकी सीनेट द्वारा पुष्टि किए जाने के बाद पटेल देश की प्रमुख कानून प्रवर्तन एजेंसी का नेतृत्व करने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी बन गए हैं।
रिपब्लिकन पार्टी के बहुमत वाली सीनेट ने बृहस्पतिवार को 44 वर्षीय पटेल के नाम पर मुहर लगा दी। सीनेट में हुए मतदान में पटेल ने मामूली अंतर से जीत हासिल की।
सीनेट में 51-49 के अंतर से एफबीआई निदेशक के रूप में काश पटेल के नाम पर मुहर लगी।
रिपब्लिकन पार्टी से मेन की सीनेटर सुसान कोलिन्स और अलास्का की लिसा मुर्कोव्स्की ने पटेल की उम्मीदवारी का हालांकि विरोध किया था।
सीनेट ने पटेल की पुष्टि के लिए 51 से 49 मतों के अंतर से मतदान किया। दो रिपब्लिकन, सुसान कोलिन्स और लिसा मुर्कोव्स्की ने उनकी पुष्टि के खिलाफ मतदान किया।
पटेल के नामांकन को ‘कैपिटल हिल’ के डेमोक्रेट्स की ओर से गहन जांच का सामना करना पड़ा।
उन्होंने चेतावनी दी कि पटेल इस पद का इस्तेमाल करने और ट्रंप के कथित राजनीतिक दुश्मनों के खिलाफ प्रतिशोध लेने के लिए तैयार हैं।
पटेल ने अपने चयन के दौरान बड़े दुश्मनों की सूची रखने से भी इनकार किया जबकि उन्होंने अतीत में की गई विवादास्पद टिप्पणियों से भी पल्ला झाड़ा।
पटेल ने अतीत में ट्रंप के मामले की जांच करने वाले कानून प्रवर्तन अधिकारियों को ‘गैंगस्टर’ कहकर संदर्भित किया था।
पटेल ने नाम पर मुहर लगने के बाद ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में, “मैं एफबीआई के नौवें निदेशक के रूप में नियुक्त किए जाने पर सम्मानित महसूस कर रहा हूं। राष्ट्रपति ट्रंप और अटॉर्नी जनरल बॉन्डी को आपके अटूट विश्वास व समर्थन के लिए धन्यवाद।”
भाषा जितेंद्र मनीषा
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