नयी दिल्ली, 13 फरवरी (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में अपने व्यापक कार्य के विस्तार के रूप में परमाणु परियोजनाओं में प्रवेश करने तथा विदेशी बाजार, खासकर पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीका में अधिक कारोबार करने पर विचार कर रही है।
ईआईएल एक इंजीनियरिंग परामर्श व परियोजना प्रबंधन कंपनी है, जिसने तेल व गैस तथा पेट्रोरसायन क्षेत्रों में परियोजनाओं पर काम किया है।
कंपनी की चेयरमैन वर्तिका शुक्ला ने यहां भारत ऊर्जा सप्ताह (आईईडब्ल्यू) से इतर कहा कि कंपनी अब परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए बातचीत कर रही है, जिसमें पारंपरिक परियोजनाएं तथा छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर दोनों शामिल हैं।
शुक्ला ने कहा, ‘‘ परमाणु क्षेत्र में प्रवेश करना कठिन है। हमने कुडनकुलम (परमाणु) संयंत्र पर कुछ काम किया है। हम भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड के गोरखपुर संयंत्र के लिए कुछ छोटा काम कर रहे हैं। हमने कुछ प्रगति की है। आगे और अधिक काम करना चाहते हैं।’’
उन्होंने कहा कि ईआईएल परमाणु क्षेत्र में डिजाइन, इंजीनियरिंग और परियोजना प्रबंधन परामर्श (पीएमसी) सेवाओं पर भी ध्यान केंद्रित करना चाहती है।
यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब भारत छोटे मॉड्यूलर परमाणु रिएक्टर (एसएमआर) बनाने पर विचार रहा है जो 300 मेगावाट प्रति यूनिट तक की क्षमता वाले उन्नत परमाणु रिएक्टर होंगे। इसके लिए अमेरिका तथा फ्रांस जैसे देशों के आपूर्तिकर्ताओं और डेवलपर से संपर्क किया जा रहा है।
शुक्ला ने कहा कि ईआईएल पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीका (एमईएनए) क्षेत्र में अधिक कारोबार की तलाश कर रहा है।
कंपनी पहले से ही संयुक्त अरब अमीरात में कारोबार कर रही है और अब सऊदी अरब में प्रवेश कर रही है।
ईआईएल अपने शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य को हासिल करने के लिए कुछ नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के अधिग्रहण पर भी विचार कर रही है। साथ ही ऊर्जा समाधानों पर केंद्रित प्रौद्योगिकी स्टार्टअप में इक्विटी निवेश की संभावना तलाश रही है।
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