नयी दिल्ली, 12 फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शीना बोरा की हत्या की आरोपी उसकी मां इंद्राणी मुखर्जी की विदेश यात्रा की अनुमति देने के अनुरोध वाली याचिका खारिज कर दी।
इंद्राणी ने बंबई उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय में यह याचिका दायर की थी। उच्च न्यायालय ने भी उसे विदेश यात्रा की अनुमति नहीं दी थी।
न्यायमूर्ति एम. एम. सुंदरेश और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की पीठ ने निचली अदालत को निर्देश दिया कि वह मामले की कार्यवाही एक साल के भीतर पूरी करे।
याचिका का विरोध करते हुए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के वकील ने कहा था कि यह एक संवेदनशील मामला है और सुनवाई करीब आधी पूरी हो चुकी है तथा 96 गवाहों से पूछताछ हो चुकी है।
पूर्व मीडिया कार्यकारी मुखर्जी की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि उन्हें शीर्ष अदालत ने जमानत दे दी है और मामले में अब भी 92 गवाहों से पूछताछ होनी बाकी है।
उन्होंने कहा कि पिछले चार महीनों से निचली अदालत में सुनवाई नहीं हुई और कार्यवाही पूरी होने में लंबा समय लग सकता है।
यात्रा प्रतिबंध का मामला उच्चतम न्यायालय में तब आया जब 19 जुलाई को एक विशेष अदालत ने मुखर्जी की अगले तीन महीनों में स्पेन और ब्रिटेन की 10 दिन की यात्रा के अनुरोध वाली याचिका को स्वीकार कर लिया।
सीबीआई ने विशेष अदालत द्वारा पारित आदेश को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया था। उच्च न्यायालय ने 27 सितंबर को विशेष अदालत के आदेश को रद्द कर दिया।
मुखर्जी ने उच्च न्यायालय के इस आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था।
भाषा सुरभि माधव
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