नयी दिल्ली, 11 फरवरी (भाषा) केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने मंगलवार को कहा कि सरकार ने नारी अदालत कार्यक्रम के विस्तार के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से प्रस्ताव मांगे हैं, जिसे वर्तमान में असम और जम्मू-कश्मीर में प्रायोगिक रूप में कार्यान्वित किया जा रहा है।
मिशन शक्ति के अंतर्गत ‘संबल’ उप-योजना के घटक नारी अदालत का उद्देश्य मामूली विवादों (घरेलू हिंसा, दहेज संबंधी विवाद, बच्चों रखने आदि) को हल करने के लिए महिलाओं को बातचीत, मध्यस्थता और सुलह के माध्यम से ग्राम पंचायत स्तर पर वैकल्पिक शिकायत निवारण तंत्र प्रदान करना है।
देवी ने यहां एक पत्रकार वार्ता में कहा, “वर्तमान में, नारी अदालत प्रायोगिक तौर पर असम और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में संचालित है। वित्त वर्ष 2025-26 में इसे अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में भी विस्तारित किया जाएगा, जिसके लिए हमने उनसे प्रस्ताव मांगे हैं।”
वित्त वर्ष 2024-25 में इस कार्यक्रम को प्रायोगिक आधार पर बिहार और कर्नाटक में विस्तारित किया गया है।
मंत्री ने सातवें पोषण पखवाड़े की भी घोषणा की जो 18 मार्च से दो अप्रैल तक मनाया जाएगा।
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नोमान खारी
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