नयी दिल्ली, 10 फरवरी (भाषा) भारत ने सोमवार को यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) के साथ व्यापार, निवेश और कारोबारी सुविधा को बढ़ावा देने के लिए एक समर्पित डेस्क के गठन की घोषणा की।
ईएफटीए डेस्क भारत में कारोबार बढ़ाने की इच्छुक ईएफटीए कंपनियों के लिए एक केंद्रीकृत समर्थन तंत्र के रूप में कार्य करेगा। यह डेस्क बाजार की अंतर्दृष्टि एवं नियामकीय मार्गदर्शन, कारोबार मिलान और भारत की नीति एवं निवेश परिदृश्य को समझने में मदद करेगा।
ईएफटीए समझौते के तहत भारत को समूह से 15 साल में 100 अरब डॉलर की निवेश प्रतिबद्धता मिली है। इसमें स्विस घड़ियों, चॉकलेट और कटे एवं पॉलिश किए गए हीरे पर कम या शून्य शुल्क लगाने का भी प्रावधान है। इस भारी निवेश से भारत में करीब 10 लाख रोजगार पैदा होने का अनुमान है।
भारत और ईएफटीए समूह के चार यूरोपीय देशों ने व्यापार और निवेश संबंधों को बढ़ावा देने के लिए पिछले साल 10 मार्च को एक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
इस समझौते को आधिकारिक तौर पर ‘व्यापार और आर्थिक भागीदारी समझौता’ कहा जाता है, जिसके इस साल के अंत तक लागू होने की उम्मीद है।
ईएफटीए के सदस्यों में आइसलैंड, लीश्टेंस्टाइन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड शामिल हैं। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने समूह के प्रतिनिधियों के साथ इस डेस्क का उद्घाटन किया। इस दौरान स्विट्जरलैंड की आर्थिक सचिव हेलेन बुडलिगर आर्टिडा, नॉर्वे के व्यापार एवं उद्योग सचिव टॉमस नॉर्वल, आइसलैंड के स्थायी सचिव मार्टिन इजॉफसन और लीश्टेंटाइन के विदेश मंत्री डोमिनिक हस्लर भी मौजूद थे।
गोयल ने कहा, ‘‘इस समूह से मिली 100 अरब डॉलर की निवेश प्रतिबद्धता के साथ मेरी निजी राय है कि इसके दम पर भारतीय पारिस्थितिकी तंत्र में 400 या 500 अरब डॉलर का समग्र निवेश लाया जा सकता है।’’
इस डेस्क के गठन का उद्देश्य भारत और चार यूरोपीय देशों के बीच व्यापार, निवेश और व्यवसाय सुविधा को बढ़ावा देने के लिए एक समर्पित मंच के रूप में काम करना है।
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प्रेम अजय
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