नयी दिल्ली, आठ फरवरी (भाषा) दिल्ली विधानसभा चुनाव में करारी हार झेलने वाली आम आदमी पार्टी (आप) के मत प्रतिशत में करीब 10 अंक की गिरावट देखी गई, जबकि विजेता भाजपा के मत प्रतिशत में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
भाजपा 26 साल से अधिक समय से राष्ट्रीय राजधानी की सत्ता से बाहर थी। दिल्ली की 70 सीटों में से कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत सकी लेकिन उसके मत प्रतिशत में मामूली सुधार हुआ।
आप ने 43.57 फीसदी वोट हासिल किया, जो 2020 के चुनावों में 53.57 फीसदी था। 2015 के विधानसभा चुनावों में आप को 54.5 फीसदी वोट मिले थे। 2020 और 2015 में पार्टी ने क्रमश: 62 और 67 सीटें हासिल करके भारी जनादेश हासिल किया। हालांकि, इस बार यह केवल 22 सीटों पर ही सिमट कर रह गई।
सत्ता में वापसी करने वाली भाजपा का मत प्रतिशत 45.56 रहा और उसने 48 सीट पर जीत दर्ज की। भाजपा का वोट प्रतिशत 2020 में 38.51 और 2015 के चुनावों में 32.3 था। वर्ष 1998 से 2013 तक 15 साल तक दिल्ली में सत्ता में रही कांग्रेस ने कोई सीट नहीं जीती और 6.34 प्रतिशत वोट हासिल किये।
कांग्रेस के लिए एकमात्र राहत यह रही कि उसके मत प्रतिशत में 2.1 अंक का सुधार हुआ है। कांग्रेस का मत प्रतिशत 2020 के विधानसभा चुनाव में 4.3 था।
भाषा शफीक संतोष
संतोष