नयी दिल्ली, सात फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को एक व्यक्ति के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला खारिज कर दिया और उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को सहारनपुर जिले में एक महिला की अप्राकृतिक मौत की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का निर्देश दिया।
प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि पुलिस अधिकारियों ने केवल महिला के रिश्तेदारों के बयान दर्ज करके अपीलकर्ता के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया।
पीठ ने कहा, ‘‘क्या इससे भी अधिक भयावह कुछ था? भले ही यह आत्महत्या थी, लेकिन वास्तविक कारण क्या था? क्या मृतक तनु अपने मित्र जियाउल रहमान के साथ जो कुछ हुआ, उससे व्यथित थी?’’
अदालत ने कहा, ‘‘इसके अलावा कई ऐसे सवाल हैं, जिनका जवाब आज हमारे पास नहीं हैं।’’
पीठ ने यह भी कहा कि केवल स्वतंत्र, गहन और व्यापक जांच से ही सच्चाई सामने आ सकेगी।
अदालत ने उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), कानून एवं व्यवस्था को महिला की अप्राकृतिक मौत की जांच के लिए पुलिस उप महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में एक एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया।
भाषा
शफीक दिलीप
दिलीप