रायपुर, सात फरवरी (भाषा) छत्तीसगढ़ सरकार ने भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति और पारदर्शी प्रशासन को मजबूत करने के लिए इस वर्ष 31 मार्च तक सभी विभागों में ‘ई-ऑफिस’ योजना का पूर्ण क्रियान्वयन करने का निर्देश दिया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
‘ई-ऑफिस’ एक एकीकृत फाइल और रिकॉर्ड प्रबंधन प्रणाली है जो कर्मचारियों को सामग्री का प्रबंधन करने, आंतरिक रूप से डेटा खोजने और सहयोग करने में मदद करती है।
अधिकारियों ने बताया कि राज्य में सुशासन तथा प्रशासनिक प्रक्रियाओं को पारदर्शी, प्रभावी तथा त्वरित बनाने के लिए विभागीय सचिवों की बैठक में सभी विभागों और कार्यालयों में ‘ई-ऑफिस’ योजना को लागू करने के निर्देश दिए गए।
उन्होंने बताया कि राज्य में सामान्य प्रशासन विभाग की अधिकांश फाइलें ई-ऑफिस के माध्यम से ही निपटाई जा रही हैं तथा सभी विभागों में इसका पूर्ण क्रियान्वयन इस वर्ष 31 मार्च तक सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अधिकारियों और कर्मचारियों को ई-ऑफिस योजना के तहत प्रशिक्षण देने के लिए कहा है ताकि सभी विभागों में इसे प्रभावी रूप से लागू किया जा सके।
उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने ‘ई-गवर्नेंस’ को बढ़ावा देने और सरकारी कामकाज में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से ‘ई-ऑफिस’ प्रणाली को चरणबद्ध तरीके से लागू किया है। पहले इसे सामान्य प्रशासन विभाग में शुरू किया गया था और अब इसे मंत्रालय के सभी विभागों में विस्तारित कर दिया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि अब तक 16 विभागाध्यक्ष कार्यालयों को ई-ऑफिस प्रणाली से जोड़ा जा चुका है तथा जिला स्तर पर भी इसे लागू करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। सक्ती पहला ऐसा जिला है, जहां ‘ई-ऑफिस’ योजना पूरी तरह से लागू हो चुकी है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री साय ने कहा है कि ई-ऑफिस प्रणाली से सरकारी कार्यों की गति, दक्षता और पारदर्शिता में अभूतपूर्व सुधार होगा।
उन्होंने कहा कि इस पहल से सरकारी प्रक्रियाओं में स्वचालन आएगा, जिससे फाइलों पर नजर रखना आसान होगा, निर्णय लेने की गति तेज होगी तथा भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा।
साय ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि सभी विभागों में फाइल की डिजिटल स्वीकृति सुनिश्चित की जाए, जिससे सरकारी कार्यों में अनावश्यक देरी समाप्त हो और प्रशासनिक निर्णयों को त्वरित रूप से लागू किया जा सके।
साय ने कहा है कि ई-ऑफिस प्रणाली के क्रियान्वयन से फाइलों के अनुमोदन में लगने वाला समय कम होगा, जिससे प्रशासनिक निर्णयों को जल्द लागू किया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि इस प्रणाली से कागजी काम-काज में कमी आने से सरकारी कार्यालयों की कार्यक्षमता में सुधार होगा और शासन अधिक प्रभावी एवं जवाबदेह बनेगा।
उन्होंने कहा कि ई-ऑफिस प्रणाली से कागज, मानव संसाधन और परिवहन लागत में भी बचत होगी, जिससे सरकारी खर्चों में भी कमी आएगी।
भाषा संजीव सिम्मी
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