ढाका, सात फरवरी (भाषा) बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार द्वारा शांति की अपील करने और नागरिकों से तुरंत कानून एवं व्यवस्था बहाल करने का आग्रह किए जाने के बाद शुक्रवार को अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के परिवार और उनकी पार्टी अवामी लीग के नेताओं की संपत्तियों पर तीन दिनों से जारी हमले रुक गए।
बांग्लादेश में बुधवार रात से हिंसा भड़की हुई है, जिसमें भीड़ ने हसीना के समर्थकों को निशाना बनाया और उनके घरों तथा व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया। हजारों प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के 32 धानमंडी स्थित आवास में भी आग लगा दी। रहमान ने इस आवास से ही देश के मुक्ति संग्राम का नेतृत्व किया था, जिसे बाद में एक स्मारक के रूप में बदल दिया गया था। इसी ऐतिहासिक आवास से रहमान ने 1971 में पाकिस्तान से बांग्लादेश की स्वतंत्रता की घोषणा की थी।
अंतरिम सरकार ने बृहस्पतिवार को हसीना के ‘भड़काऊ’ भाषण को ‘अनपेक्षित और अप्रत्याशित’ हिंसा भड़काने के लिए जिम्मेदार ठहराया।
यूनुस के कार्यालय द्वारा प्रेस को जारी किए गए बयान में कहा गया है कि मुख्य सलाहकार ‘‘सभी नागरिकों से तत्काल कानून एवं व्यवस्था बहाल करने और यह सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं कि शेख हसीना के परिवार के साथ ही फासीवादी अवामी लीग पार्टी के नेताओं से जुड़ी संपत्तियों पर या किसी भी नागरिक के खिलाफ किसी भी बहाने से हमला नहीं किया जाएगा’’।
बयान में कहा गया है कि अपदस्थ प्रधानमंत्री के खिलाफ कार्यकर्ताओं के आक्रोश को समझते हुए भी ‘सरकार नागरिकों से कानून का पालन करने की अपील करती है।
बयान में कहा गया है, ‘संपत्तियों पर हमला करने वाले कार्यकर्ताओं का गुस्सा समझ में आता है, क्योंकि वे और उनके रिश्तेदार और मित्र हसीना के शासन में वर्षों तक अत्याचार झेल चुके हैं… सरकार कार्यकर्ताओं के गुस्से को भी समझती है, क्योंकि नयी दिल्ली में अपने शरणस्थल से भी हसीना बांग्लादेश को वर्षों के उत्पीड़न से उबरने में बाधा पहुंचाने के लिए अपने कार्यकर्ताओं को लामबंद की कोशिश कर रही हैं।’
बयान में कहा गया है कि सरकार शेख हसीना और उनके समर्थकों पर ‘मानवता के खिलाफ अपराध’ के लिए मुकदमा चलाने की प्रक्रिया में है।
देशव्यापी अशांति बुधवार रात को शुरू हुई जब हजारों प्रदर्शनकारियों ने ढाका में मुजीबुर रहमान के 32 धानमंडी स्थित आवास के सामने रैली निकाली। सोशल मीडिया पर शेख हसीना के भारत में निर्वासन के दौरान निर्धारित डिजिटल माध्यम से संबोधन से पहले ‘बुलडोजर जुलूस’ के आह्वान के बाद यह रैली निकाली गई।
भीड़ ने उस समय घर में आग लगा दी, जब हसीना भारत से अपना भाषण दे रही थीं, जहां वे पांच अगस्त 2024 को अपनी अवामी लीग सरकार के सत्ता से बाहर होने के बाद से रह रही हैं। इसके बाद भीड़ ने उत्खनन मशीनों का उपयोग करके घर को ध्वस्त कर दिया।
ढाका और अन्य स्थानों पर हसीना के करीबी रिश्तेदारों और पार्टी नेताओं के आवासों एवं अवामी लीग कार्यालयों पर भी हमला किया गया। कई स्थानों पर आगजनी भी की गई, जिनमें दक्षिण-पूर्वी बंदरगाह शहर चटगांव, उत्तर-पश्चिमी राजशाही और रंगपुर, दक्षिण-पश्चिमी बारिशाल, उत्तर-पूर्वी सिलहट शामिल हैं।
उग्र भीड़ ने उत्तरी किशोरगंज में बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल हामिद और दक्षिणी नोआखली में पूर्व सेना प्रमुख जनरल मोईन यू अहमद के घरों को आग लगा दी।
भाषा यासिर दिलीप
दिलीप