नयी दिल्ली, सात फरवरी (भाषा) गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ लिमिटेड (जीसीएमएमएफ) के प्रबंध निदेशक (एमडी) जयेन मेहता ने कहा है कि कंपनी कोलकाता में एक एकीकृत संयंत्र स्थापित करने के लिए 600 करोड़ रुपये का निवेश करेगी, जहां दुनिया की सबसे बड़ी दही विनिर्माण सुविधा होगी।
जीसीएमएमएफ ‘अमूल’ ब्रांड के तहत डेयरी उत्पाद बेचती है।
जीसीएमएमएफ ने बृहस्पतिवार को संपन्न हुए बंगाल वैश्विक व्यापार सम्मेलन (बीजीबीएस) के दौरान यह निवेश प्रतिबद्धता जताई।
मेहता ने पीटीआई-भाषा से कहा, “हम पश्चिम बंगाल के कोलकाता में एक एकीकृत डेयरी संयंत्र स्थापित करेंगे। नई सुविधा में दुनिया का सबसे बड़ा दही विनिर्माण संयंत्र होगा, जिसकी क्षमता 10 लाख किलोग्राम प्रतिदिन होगी।”
उन्होंने बताया कि इस संयंत्र में कुल 600 करोड़ रुपये का निवेश होगा। इसकी कुल दुग्ध प्रसंस्करण क्षमता 15 लाख लीटर प्रतिदिन होगी।
मेहता ने कहा कि कोलकाता और उसके आसपास के इलाकों में दही की भारी मांग है।
एक बयान के अनुसार, यह अत्याधुनिक डेयरी संयंत्र कैरा जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ लिमिटेड, आणंद द्वारा दो चरणों में 600 करोड़ रुपये के निवेश से कोलकाता के पास हावड़ा में संकरैल फूड पार्क में स्थापित किया जा रहा है।
बंगाल के उपभोक्ता दही को बहुत पसंद करते हैं – जो ‘टोक दोई’ और ‘मिष्टी दोई’ के नाम से मशहूर है। यह संयंत्र बाजार में बढ़ती मांग को पूरा करने में मदद करेगा।
अमूल वर्तमान में बंगाल में सबसे बड़ा दूध ब्रांड है, जो वहां रोजाना 10 लाख लीटर से अधिक दूध बेचती है।
अमूल का बंगाल के 14 जिलों में एक मजबूत दूध खरीद नेटवर्क है, जिसके साथ 1.2 लाख से अधिक महिला दूध उत्पादक जुड़ी हुई हैं।
जीसीएमएमएफ का कारोबार वित्त वर्ष 2023-24 में आठ प्रतिशत बढ़कर 59,445 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी को मजबूत मांग के चलते चालू वित्त वर्ष में आमदनी में 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की उम्मीद है।
जीसीएमएमएफ की कुल वार्षिक दूध प्रसंस्करण क्षमता लगभग 500 लाख लीटर है।
जीसीएमएमएफ दुनिया की सबसे बड़ी किसान-स्वामित्व वाली डेयरी सहकारी संस्था है, जिसमें गुजरात के 18,600 गांवों में 36 लाख किसान हैं और इसकी 18 सदस्य यूनियन प्रतिदिन 300 लाख लीटर दूध खरीदती हैं।
भाषा अनुराग अजय
अजय