सनातन संस्कृति में मूषक के प्रति भी मानवीय संवेदनाएं: गोपाल आर्य |

Ankit
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महाकुंभ नगर, छह फरवरी (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राष्ट्रीय संयोजक (पर्यावरण संरक्षण गतिविधि) गोपाल आर्य ने देवी-देवताओं की सवारी पशु-पक्षियों के होने का उल्लेख करते हुए कहा कि गणेश जी के पूजन के साथ ही उनकी सवारी मूषक के प्रति भी मानवीय संवेदनाएं जुड़ती हैं और इस तरह से सनातन संस्कृति ने लोगों को पर्यावरण से जोड़ रखा है।


हरित महाकुंभ कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में गोपाल आर्य ने अपने संबोधन में कहा, “दुर्भाग्य से हम यह सब एक हद तक इन बातों को भूल गए हैं। कुंभ और ज्ञान महाकुंभ दोनों ही पर्यावरण के प्रति हमारी संवेदनाओं को एक बार फिर जागृत करने का जरिया है।”

महाकुंभ में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास ओर से सेक्टर आठ में 10 जनवरी से 10 फरवरी, 2025 के ‘ज्ञान महाकुंभ’ का आयोजन चल रहा है जिसमें अलग अलग विश्वविद्यालयों के शिक्षक अपने विचार रख रहे हैं।

इसी श्रृंखला में आयोजित हरित कुंभ के मुख्य अतिथि, ‘आर्ट ऑफ़ लिविंग’ के अंतरराष्ट्रीय निदेशक दर्शक हाथी जी ने ‘कार्बन फू़टप्रिंट’ को लेकर समाज में जागरूकता पर जोर देते हुए कहा, “हर व्यक्ति को इस शब्दावली को समझना चाहिए और हर दिन हमारी यही कोशिश होनी चाहिए कि हम कम से कम प्रदूषण करें।”

कार्यक्रम में ‘वाटर वुमन’ के तौर पर प्रख्यात शिप्रा पाठक ने मौनी अमावस्या का सुंदर वर्णन करते हुए कहा, ‘ज्ञान अहंकार न बने, इसलिए ज्ञान प्राप्त के साथ मौन रहना भी आवश्यक होता है। मौनी अमावस्या इसी का संकेत देती है, साथ ही यह शांति बसंत के आगमन की आहट की ओर भी इशारा करती है।”

भाषा राजेंद्र राजकुमार

राजकुमार



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