सिद्धरमैया और येदियुरप्पा के खिलाफ मामलों पर कर्नाटक उच्च न्यायालय सात फरवरी को सुनाएगा फैसला |

Ankit
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बेंगलुरु, छह फरवरी (भाषा) कर्नाटक उच्च न्यायालय शुक्रवार को आरटीआई कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा की रिट याचिका पर अपना फैसला सुनाएगा, जिसमें एमयूडीए भूखंड आवंटन मामले को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को स्थानांतरित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।


मुख्यमंत्री सिद्धरमैया पर मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) द्वारा उनकी पत्नी पार्वती बी एम को किये गये 14 भूखंडों के आवंटन के सिलसिले में अनियमितताओं के आरोप हैं।

इसके अलावा उच्च न्यायालय भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा की याचिका पर भी अपना फैसला सुनाने वाला है, जिसमें उन्होंने उनके खिलाफ दर्ज एक आपराधिक मामले को रद्द करने का अनुरोध किया है। येदियुरप्पा पर भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के साथ-साथ बाल यौन अपराध संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है।

यह मामला पिछले साल 14 मार्च को 17 वर्षीय एक लड़की की मां की शिकायत पर दर्ज किया गया था। महिला ने आरोप लगाया था कि येदियुरप्पा ने दो फरवरी को यहां डॉलर्स कॉलोनी में अपने आवास पर एक भेंट के दौरान उसकी बेटी का यौन उत्पीड़न किया था।

न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना ने पहले इन दोनों मामलों में आदेश सुरक्षित रख लिया। न्यायमूर्ति नागप्रसन्ना ने आदेश सुनाने के लिए याचिकाओं को सात फरवरी को सूचीबद्ध किया।

भाषा प्रशांत राजकुमार

राजकुमार



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