मदुरै (तमिलनाडु), चार फरवरी (भाषा) हिंदू मुन्नानी के सदस्यों ने मंगलवार को मद्रास उच्च न्यायालय से अनुमति मिलने के कुछ ही घंटे बाद तमिलनाडु के पहाड़ी शहर थिरुपरनकुंद्रम में कुछ लोगों द्वारा मासांहार करने की घटना के खिलाफ नयी जगह पर विशाल प्रदर्शन किया।
पहाड़ी पर स्थित मंदिर हालांकि भगवान सुब्रह्मण्यम (मुरुगन) को समर्पित है, लेकिन वहां सिकंदर बदुशा दरगाह भी मौजूद है। हाल में लोगों के एक समूह ने पहाड़ी पर कथित रूप से मांसाहारी भोजन किया था, जिससे हिंदू श्रद्धालुओं में नाराजगी है।
हिंदू मुन्नानी ने कहा कि मंगलवार को हजारों श्रद्धालुओं, हिंदू मुन्नानी पदाधिकारियों और भाजपा सदस्यों ने मुरुगन (भगवान सुब्रह्मण्यम) की जय-जयकार करते हुए विरोध प्रदर्शन किया।
इस अवसर पर कुछ लोगों ने नारे भी लगाए – ‘थिरुपरनकुंद्रम पहाड़ी को पुनः प्राप्त करो’।
हिंदू मुन्नानी के प्रदेश अध्यक्ष कादेश्वर सुब्रमण्यम और कई कार्यकर्ताओं को उस समय गिरफ्तार कर लिया गया जब वे पवित्र पहाड़ी पर मांसाहार करने वाले लोगों के एक समूह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए थिरुपरनकुंद्रम की ओर बढ़ रहे थे।
भाजपा के वरिष्ठ नेता एच. राजा ने कहा कि मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने हिंदू मुन्नानी के विरोध प्रदर्शन की अनुमति दे दी है। न्यायालय ने पुलिस को हिरासत में लिए गए या नजरबंद किए गए सभी हिंदू मुन्नानी और भाजपा सदस्यों को रिहा करने का भी निर्देश दिया है।
अदालत ने प्रदर्शनकारियों को शाम पांच और छह बजे के बीच पलंगनाथम में प्रदर्शन करने की अनुमति दी थी, न कि थिरुपरनकुन्द्रम में, जैसा कि मूल रूप से प्रदर्शनकारियों ने मांगा था।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने सत्तारूढ़ द्रमुक पर मंदिर की पवित्रता की रक्षा के उद्देश्य से किए जा रहे विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए मदुरै में निषेधाज्ञा लगा देने का आरोप लगाया ।
‘एक्स’ पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा कि द्रमुक सरकार थिरुपरनकुंद्रम अरुलमिगु सुब्रह्मण्य स्वामी मंदिर पहाड़ी से संबंधित घटनाओं में भेदभावपूर्ण तरीके से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि नजरबंद रखे गए भाजपा नेताओं को तुरंत रिहा किया जाए।
अन्नामलाई ने लिखा, ‘‘हर चीज की एक सीमा होती है। क्या द्रमुक मंत्री और जनता के लिए अलग-अलग नियम हैं? द्रमुक सरकार को तुरंत उन अनावश्यक गतिविधियों का समर्थन करना बंद कर देना चाहिए जो लोगों को परेशान करती रहती हैं।’’
इससे पहले थिरुपरनकुंद्रम को दिन में पुलिस गढ़ में तब्दील कर दिया गया था, क्योंकि मुदैरे जिला प्रशासन की ओर से लगाई गई निषेधाज्ञा के बाद 10 जिलों के चार हजार से अधिक पुलिस कर्मियों और अधिकारियों ने वहां मोर्चा संभाल लिया था।
पुलिस ने आंदोलन की घोषणा करने वाले हिंदू मुन्नानी (हिंदू मोर्चा) के लगभग आठ कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया था।
पुलिस ने बताया था कि एहतियात के तौर पर हिंदू मुन्नानी के आठ सदस्यों को हिरासत में लिया गया है।
हिंदू मुन्नानी के एक नेता ने कहा कि मदुरै में निषेधाज्ञा लागू करने के जिला प्रशासन के फैसले को मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ में चुनौती दी गई है।
हिंदू मुन्नानी के सदस्यों को हिरासत में लिए जाने और क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू किए जाने के फैसले की निंदा करते हुए भाजपा नेता राजा ने कहा कि जब राष्ट्रीय एजेंसियां तमिलनाडु में छिपे आतंकवादियों को गिरफ्तार करने में जुटी थीं, तब राज्य पुलिस ने हिंदू संगठनों के उन सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया, जो थिरुपरनकुंद्रम पहाड़ी पर शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करना चाहते थे। उन्होंने कहा, ‘‘यह स्थिति एक दिन बदल जाएगी।’’
आदेश को ‘लोकतांत्रिक अधिकारों और श्रद्धालुओं की भावनाओं का दमन’ करार देते हुए हिंदू मुन्नानी के प्रदेश अध्यक्ष कादेश्वर सुब्रमण्यम ने कहा कि उनका संगठन मदुरै की धरती से हिंदुओं के लिए स्वतंत्रता संग्राम शुरू करने में संकोच नहीं करेगा।
भाषा राजकुमार प्रशांत
प्रशांत