नयी दिल्ली, चार फरवरी (भाषा) अमेरिका और चीन के बीच का व्यापार युद्ध भारतीय निर्यातकों के लिए फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि इससे अमेरिकी बाजार में भारतीय निर्यात बढ़ने की उम्मीद है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान जब अमेरिका ने चीनी वस्तुओं पर उच्च शुल्क लगाया था, तो उस दौरान भारत चौथा सबसे बड़ा लाभ पाने वाला देश था।
एक सूत्र ने कहा, ‘‘इस व्यापार युद्ध से भारत को लाभ मिलने की संभावना है। भारत से निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है।’’
निर्यातकों ने यह भी कहा है कि चीन से आयात पर अमेरिका द्वारा सीमा शुल्क लगाए जाने से भारत को अमेरिका में निर्यात के लिए बहुत अवसर मिलेंगे।
शुल्क लगाए जाने से चीन से अमेरिका को होने वाले निर्यात पर असर पड़ेगा क्योंकि इससे अमेरिकी बाजार में उनके सामान की कीमतें बढ़ जाएंगी, जिससे वे कम प्रतिस्पर्धी हो जाएंगे।
भारतीय निर्यातक संगठनों के महासंघ (फियो) के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा, ‘‘यह कदम भारतीय निर्यात के लिए अवसर पैदा कर सकता है, क्योंकि अमेरिकी खरीदार उच्च लागत से बचने के लिए वैकल्पिक आपूर्तिकर्ताओं की तलाश करेंगे।’
शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) के अनुसार, अमेरिका के 100 सबसे बड़े निर्यात उत्पादों का भारत के अमेरिका से कुल आयात में 75 प्रतिशत हिस्सा है।
जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि भारत का साधारण औसत शुल्क 17 प्रतिशत है, जबकि प्रमुख अमेरिकी आयात पर वास्तविक शुल्क काफी कम है।
श्रीवास्तव ने कहा, ‘पेट्रोलियम कच्चे तेल (5.03 अरब अमेरिकी डॉलर) पर न्यूनतम एक रुपये प्रति टन का शुल्क लगता है, जबकि कटे और पॉलिश हीरे (3.09 अरब अमेरिकी डॉलर) पर शून्य प्रतिशत कर लगता है, क्योंकि अधिकांश पुनः आयातित होते हैं।’
भाषा योगेश अजय
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