नयी दिल्ली, तीन फरवरी (भाषा) भारतीय दिवाला और ऋणशोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) ने नीलामी प्रक्रिया को कारगर बनाने, रिपोर्टिंग प्रावधानों में सुधार और बेहतर कोष प्रबंधन के लिए परिसमापन प्रक्रिया से संबंधित नियमों में बदलाव किए हैं।
एक विज्ञप्ति के मुताबिक, भारतीय दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता बोर्ड (परिसमापन प्रक्रिया) विनियम, 2016 और भारतीय दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता बोर्ड (स्वैच्छिक परिसमापन प्रक्रिया) नियम, 2017 को संशोधित किया गया है। इस संशोधन को आईबीबीआई ने 28 जनवरी, 2025 को तत्काल प्रभाव से अधिसूचित कर दिया।
आईबीबीआई ने कहा कि इन उपायों से दिवाला प्रारूप में पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही मजबूत होगी।
संशोधित ढांचे के तहत कर्जदार कंपनी के परिसमापन के लिए आयोजित नीलामी में संभावित बोलीदाताओं के पास अब नीलामी प्रक्रिया में भाग लेने के लिए 14 दिन के बजाय 30 दिन का समय होगा।
इसके अलावा परिसमापक को नीलामी के तीन दिन के भीतर उच्चतम बोलीदाता की पात्रता की पुष्टि करने और नीलामी को अंतिम रूप देने से पहले हितधारक परामर्श समिति (एससीसी) से परामर्श करने का अधिकार होगा।
नीलामी नोटिस में यह भी निर्दिष्ट होना चाहिए कि सफल बोलीदाता की बयाना राशि (ईएमडी) उसके अपात्र पाए जाने की स्थिति में जब्त कर ली जाएगी।
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