देहरादून, तीन फरवरी (भाषा) जल संरक्षण कार्यकर्ता द्वारका प्रसाद सेमवाल ने सोमवार को देहरादून जिला प्रशासन से तालाबों, झीलों तथा अन्य जल निकायों को अतिक्रमण से मुक्त कराने तथा सरकारी योजनाओं के तहत सीमेंट से उनकी दीवार बनाने जैसे नुकसानदेह निर्माण कार्यों पर रोक लगाने का आग्रह किया ।
उन्होंने प्रशासन को जिले के राजस्व रिकार्ड में मौजूद 49 तालाबों, झीलों तथा अन्य जल निकायों की एक सूची भी सौंपी जो अतिक्रमण के कारण समाप्त हो रहे हैं ।
सेमवाल ने बताया कि देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल को इस संबंध में सौंपे गए एक ज्ञापन में उन्होंने यह आग्रह किया ।
उन्होंने कहा, ‘‘पानी को बचाने के लिए कड़े निर्णय लेने की जरूरत है। जल निकायों को अतिक्रमण से मुक्त करने के अलावा, सरकारी योजनाओं के तहत उनकी सीमेंट से दीवार बनाने जैसी नुकसानदेह निर्माण प्रथाओं पर रोक लगाना भी जरूरी है।’’
हिमालय पर्यावरण जड़ी बूटी एग्रो संस्थान के प्रमुख सेमवाल ने कहा कि उनका संगठन समाप्त हो रहे जल निकायों तथा जलस्तर का संभरण करने के लिए उनके पुनरूद्वार की आवश्यकता के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए 2025 को ‘जल वर्ष’ के रूप में मना रहा है ।
उन्होंने कहा कि इस के तहत वर्ष भर विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा । उनका कहना है कि देहरादून के अतिक्रमित जल निकायों की ओर जिला प्रशासन का ध्यान आकर्षित करना इसका ही एक हिस्सा था।
उन्होंने कहा कि 2025 को जल वर्ष के रूप में मनाने का उद्देश्य इस प्रयास को राज्यव्यापी अभियान में बदलना है ताकि प्रत्येक नागरिक जल संरक्षण में योगदान दे सके।
भाषा दीप्ति
राजकुमार
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