नयी दिल्ली, तीन फरवरी (भाषा) केंद्रीय बजट में विनिर्माण और एमएसएमई पर ध्यान देने से कई क्षेत्रों में कागज और पैकेजिंग सामग्री की मांग बढ़ने की उम्मीद है और यह कागज उद्योग के विकास के लिए अच्छा संकेत है। सोमवार को एक कागज निर्माता संगठन ने यह जानकारी दी।
भारतीय कागज निर्माता संघ (आईपीएमए) ने बयान में कहा कि केंद्रीय बजट में खपत, विनिर्माण और टिकाऊपन को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है, जो भारत में कागज उद्योग के विकास के साथ अच्छी तरह से मेल खाता है।
आईपीएमए के अध्यक्ष पवन अग्रवाल ने कहा, ‘‘उद्योग आर्थिक वृद्धि पर सरकार के निरंतर ध्यान की सराहना करता है, जिसका कई क्षेत्रों में कागज और पैकेजिंग सामग्री की मांग पर सीधा असर पड़ेगा।’’
उन्होंने कहा कि एमएसएमई सहित विनिर्माण क्षेत्र पर बजट का जोर कागज आधारित पैकेजिंग की मांग को बढ़ाने में योगदान देगा, जो एकल-उपयोग प्लास्टिक का पर्यावरण अनुकूल विकल्प है।
पुनर्चक्रण को प्रोत्साहित करने और टिकाऊ कच्चे माल के उपयोग के उद्देश्य से नीतिगत प्रोत्साहन, पेपर उद्योग की चक्रीय अर्थव्यवस्था के प्रति प्रतिबद्धता को और मजबूत करेगा।
अग्रवाल ने कहा, ‘‘जहां हम इन उपायों का स्वागत करते हैं, हम सरकार से लकड़ी और पुनर्प्राप्त कागज सहित कच्चे माल की घरेलू उपलब्धता से संबंधित चिंताओं को दूर करने का भी आग्रह करते हैं। साथ ही घरेलू निर्माताओं को प्रतिस्पर्धा के समान अवसर प्रदान करने के लिए कागज और पेपरबोर्ड के आयात पर मूल सीमा शुल्क (बीसीडी) को उचित रूप से बढ़ाने की आवश्यकता है।’’
आईपीएमए ने कहा कि वाणिज्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान चीन से कागज और पेपरबोर्ड के आयात में 44 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
भाषा राजेश राजेश अजय
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