नयी दिल्ली, तीन फरवरी (भाषा) केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के प्रमुख रवि अग्रवाल ने सोमवार को उद्योग जगत से नए आयकर विधेयक पर अपने सुझाव देने को कहा।
यह विधेयक इस सप्ताह संसद में पेश किया जाएगा।
नया आयकर विधेयक छह दशक पुराने आयकर अधिनियम, 1961 का स्थान ले सकता है। इसे छह महीने के भीतर तैयार किया गया है। करदाताओं के लिए कर अनुपालन को सुगम तथा इसे पढ़ने व समझने में आसान बनाने के लिए भाषा को सरल रूप देने के प्रयास किए गए हैं।
अग्रवाल ने कहा कि नया विधेयक इस तरह से तैयार किया गया है कि यह अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हो।
इसके अलावा, नए कानून को संक्षिप्त बनाया गया है क्योंकि पुराने प्रावधानों को हटा दिया गया है, जिससे यह कम बोझिल हो गया है।
उन्होंने उद्योग जगत से कहा कि नया विधेयक पेश होने के बाद वे अपने सुझाव दें तथा आश्वासन दिया कि सुझावों पर विचार किया जाएगा।
अपडेटेड आयकर रिटर्न (आईटीआर-यू) के बारे में अग्रवाल ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में करीब 90 लाख ऐसे रिटर्न दाखिल किए गए। इससे करीब 8,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व हासिल हुआ।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा था कि किसी भी आकलन वर्ष के लिए अद्यतन आईटीआर दाखिल करने की समय सीमा दो साल से बढ़ाकर चार साल कर दी जाएगी।
अग्रवाल ने कहा कि आयकर विभाग अब ‘‘प्रतिकूल’’ दृष्टिकोण नहीं ‘‘सहभागी’’ दृष्टिकोण अपना रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘ कर विभाग का दृष्टिकोण बदल रहा है।’’
अग्रवाल ने कहा कि कर विभाग ‘‘विवेकपूर्ण’’ (प्रूडेंट-पीआरयूडीईएनटी) दृष्टिकोण अपना रहा है, जिसमें ‘पी’ का अर्थ सक्रिय व पेशेवर, ‘आर’ का अर्थ नियम आधारित, ‘यू’ का अर्थ उपयोगकर्ता अनुकूल, ‘डी’ का मतलब डेटा आधारित, ‘ई’ का अर्थ सक्षम वातावरण, ‘एन’ का अर्थ गैर-हस्तक्षेप और ‘टी’ का अर्थ पारदर्शिता है।
भाषा निहारिका नरेश
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