नयी दिल्ली, तीन फरवरी (भाषा) व्यय सचिव मनोज गोविल ने कहा कि वित्त मंत्रालय श्रम विभाग के साथ परामर्श कर प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) के तहत करीब एक करोड़ ‘गिग’ श्रमिकों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की योजना की रूपरेखा तैयार कर रहा है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में घोषणा की थी कि सरकार ई-श्रम मंच पर ‘गिग’ कर्मचारियों के लिए पहचान पत्र और पंजीकरण की व्यवस्था करेगी। साथ ही उन्हें पीएम जन आरोग्य योजना के तहत स्वास्थ्य सेवा प्रदान की जाएगी।
ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए ‘डिलिवरी’ सेवाएं प्रदान करने वाले कर्मचारी आदि ‘गिग’ कर्मियों की श्रेणी में आते हैं।
गोविल ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ साक्षात्कार में कहा कि श्रम मंत्रालय और संबंधित अन्य मंत्रालयों के साथ परामर्श कर योजना के मापदंडों तथा विवरणों पर काम किया जा रहा है।
गोविल ने कहा कि ‘गिग’ श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना या तो 100 प्रतिशत केंद्रीय क्षेत्र की योजना हो सकती है या केंद्र प्रायोजित योजना हो सकती है, जहां लागत केंद्र व राज्यों के बीच 60:40 के अनुपात में साझा की जाएगी।
गोविल ने कहा, ‘‘ योजना के विवरण को अंतिम रूप देने के बाद, लागत की गणना की जाएगी।’’
आयुष्मान भारत पीएम-जेएवाई दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य आश्वासन योजना है, जिसका उद्देश्य 12 करोड़ से अधिक गरीब व कमजोर परिवारों को माध्यमिक और तृतीयक देखभाल, अस्पताल में भर्ती होने पर प्रति वर्ष प्रति परिवार पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य ‘कवर’ प्रदान करना है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 11 सितंबर 2024 को निर्णय लिया था कि 70 वर्ष या उससे अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराई जाएगी, चाहे उनकी आय कुछ भी हो।
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