कुआलालंपुर, दो फरवरी (भाषा) भारतीय कप्तान निकी प्रसाद ने महिला अंडर-19 टी20 विश्व कप की खिताबी जीत को ‘विशेष क्षण’ करार देते हुए रविवार को कहा कि टीम को यह सफलता खिलाड़ियों के धैर्य और काम के प्रति समर्पण से मिली है।
भारत ने टूर्नामेंट में अपना दबदबा बरकरार रखते हुए एकतरफा मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका को नौ विकेट से रौंदकर लगातार दूसरी बार अंडर-19 महिला टी20 विश्व कप खिताब जीत लिया। टीम ने 83 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए 52 गेंद शेष रहते प्रभावशाली जीत दर्ज की।
गोंगाडी त्रिशा 33 गेंद में नाबाद 44 रन बनाकर भारत की ओर से शीर्ष स्कोरर रहीं जबकि सानिका चाल्के ने भी 22 गेंद में नाबाद 26 रन की पारी खेली। दोनों ने दूसरे विकेट के लिए 48 रन की अटूट साझेदारी भी की।
निकी ने मैच के बाद पुरस्कार समारोह में कहा, ‘‘ हम सभी ने धैर्य बनाये रखने की कोशिश की। टूर्नामेंट की शुरुआती मैच में जीत दर्ज करने के बाद भी सफलता का खुमार हावी नहीं होने दिया और अपना काम करते रहे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हम फाइनल जीत कर अपनी क्षमता को दिखाना चाहते थे। हमें बेहतरीन सुविधाएं देने के लिए बीसीसीआई को धन्यवाद। मुझे खुशी है कि मैं यहां खड़ी हूं और यह सुनिश्चित कर रही हूं कि भारत शीर्ष पर रहे। यह एक विशेष क्षण है।’’
त्रिशा ने इससे पहले गेंदबाजी में भी कमाल करते हुए 15 रन पर तीन विकेट चटकाए। टीम के लिए पारुनिका सिसोदिया (छह रन पर दो विकेट), आयुषी शुक्ला (नौ रन पर दो विकेट) और वैष्णवी शर्मा (23 रन पर दो विकेट) ने भी शानदार गेंदबाजी की जिससे दक्षिण अफ्रीका की टीम 20 ओवर में 82 रन पर सिमट गई।
भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘ टूर्नामेंट की शुरुआत में, मैंने कहा था कि हम यहां दबदबा बनाने के लिए आए हैं, यह सुनिश्चित करने के लिए कि भारत यहां शीर्ष पर बना रहे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ दक्षिण अफ्रीका की टीम भी टूर्नामेंट में वास्तव में अच्छा खेल रही। हम लंबे समय से उनके खिलाफ खेल रहे हैं, उन्होंने मजबूत जज्बा दिखाया। उनके खिलाफ प्रतिस्पर्धा करना वास्तव में अच्छा है।’’
फाइनल में हार की निराशा के बावजूद दक्षिण अफ्रीका की कप्तान कायला रेनेके ने पूरे टूर्नामेंट में अपनी टीम के प्रदर्शन पर गर्व किया करते हुए 2027 में मजबूत वापसी का भरोसा जताया।
रेनेके ने कहा, ‘‘ टीम के खिलाड़ी अभी कई तरह की भावनाओं से गुजर रहे है, लेकिन मैं इस टीम और प्रबंधन को श्रेय देना चाहूंगी। हमने इस क्षण के लिए वास्तव में कड़ी मेहनत की है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यहां तक आने के बाद ट्रॉफी के बिना घर जाना मुश्किल है लेकिन हमारे लिए पहली बार फाइनल में पहुंचना गर्व का क्षण है, यह विशेष है।’’
रेनेके ने कहा, ‘‘ यह हमारे लिए 2027 में और मजबूती से वापसी करने की प्रेरणा है। मां, पापा, मैं ट्रॉफी के साथ घर नहीं आउंगी लेकिन मेरे पास पदक है।’’
इस विश्व कप में 309 रन और सात विकेट के लिए ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ चुनी गईं त्रिशा ने इस पुरस्कार अपने पिता को समर्पित किया।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं इसे अपने पिता को समर्पित करना चाहूंगी, जो यहां हैं। मैं हमेशा खुद को एक ऑलराउंडर मानती हूं। मेरा लक्ष्य देश के लिए खेलना और अधिक मैच जीतना है। ’’
त्रिशा को फाइनल में ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ भी चुना गया।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे लिए सब कुछ है, अभी कुछ भी कहने में सक्षम नहीं हूं। मेरा समर्थन करने के लिए सभी को धन्यवाद। हमारी योजना हमेशा अपनी ताकत पर ध्यान केंद्रित करने की थी, आज भी वही किया। मैं हमेशा मिताली दी (भारत की पूर्व कप्तान मिताली राज) से प्रेरणा लेती हूं।’’
भाषा आनन्द नमिता
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