नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) संसद में पेश केंद्रीय बजट में दिल्ली सरकार को वित्त वर्ष 2024-25 की तुलना में 2025-26 में 100 करोड़ रुपये अधिक आवंटित किए गए हैं, लेकिन इसके बावजूद आम आदमी पार्टी (आप) ने इसे ‘बड़ी निराशा’ करार दिया।
दिल्ली को चालू वित्त वर्ष में 1,248.01 करोड़ रुपये दिए गए थे जबकि 2025-26 में राष्ट्रीय राजधानी को 1,348 करोड़ रुपये मिले हैं। दिल्ली को मिले 1,348 करोड़ रुपये में 968.01 करोड़ रुपये का अनुदान और 380 करोड़ रुपये ऋण शामिल हैं।
साल 2024-25 के बजट में दिल्ली को ऋण और अग्रिम भुगतान के रूप में 280 करोड़ रुपये मिले।
दिल्ली में सत्तारूढ़ ‘आप’ ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार के बजट को ‘‘बड़ी निराशा’’ करार दिया। ‘आप’ दिल्ली में पांच फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी सत्ता बचाने की कोशिश में है।
एक बयान में पार्टी ने कहा कि विशेष रूप से मध्यम वर्ग को ‘धोखा’ दिया गया है क्योंकि जीएसटी या गृह ऋण पर कोई राहत नहीं दी गई है।
‘आप’ सरकार का कई वर्षों से बजटीय आवंटन को लेकर केंद्र के साथ टकराव रहा है। वह दिल्ली में लोगों द्वारा दिए जाने वाले उच्च आयकर का हवाला देते हुए केंद्रीय कर पूल से अधिक हिस्सेदारी की मांग कर रही है।
बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने ‘एक्स’ पर कहा कि देश के खजाने का एक बड़ा हिस्सा चंद अमीर अरबपतियों के क़र्ज़े माफ़ करने में चला जाता है।
उन्होंने कहा, “मैंने मांग की थी कि बजट में ये ऐलान किया जाए कि आगे से किसी अरबपति के कर्ज माफ नहीं किए जाएंगे, इस से बचने वाले पैसे से मिडल क्लास के होम लोन और व्हीकल लोन में छूट दी जाए। किसानों के कर्जे माफ किए जाएं। इनकम टैक्स और जीएसटी की टैक्स दरें आधी की जाएं। मुझे दुख है कि ये नहीं किया गया।’’
‘आप’ के वरिष्ठ नेता जैस्मीन शाह ने ‘एक्स’ पर कहा कि बजट 2025-26 सभी के लिए ‘निराशाजनक’ है, खासकर मध्यम वर्ग के लिए। उन्होंने बताया कि भारत की लगभग 30 प्रतिशत आबादी मध्यम वर्ग की है, लेकिन केवल दो प्रतिशत – ‘लगभग तीन करोड़ लोग’ – आयकर देते हैं।
शाह ने कहा कि गरीबों समेत शेष लोग माल एवं सेवा कर (जीएसटी) और पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क जैसे अप्रत्यक्ष करों के माध्यम से अपना योगदान देते हैं, फिर भी, यह बजट 98 प्रतिशत भारतीयों को कोई राहत नहीं देता है।
उन्होंने यह भी दावा किया कि यह बजट भारत के विकसित राष्ट्र बनने के सपने को पूरा करने के लिए एक बड़ा झटका है क्योंकि यह शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा में सरकार की भूमिका को काफी कम करता है।
शाह ने कहा कि केजरीवाल ने केंद्र सरकार से शिक्षा बजट को जीडीपी के 10 प्रतिशत तक बढ़ाने का आग्रह किया था, लेकिन इसके बजाय मोदी सरकार ने इसमें कटौती कर दी। उन्होंने कहा, “2013-14 में शिक्षा बजट जीडीपी का 4.6 प्रतिशत था, लेकिन अब इसे घटाकर सिर्फ 2.5 प्रतिशत कर दिया गया है।’
हालांकि, दिल्ली भाजपा के नेताओं ने बजट में घोषित आयकर राहत को मध्यम वर्ग के लिए बड़ी राहत बताया और कहा कि इससे राष्ट्रीय राजधानी में मध्यम वर्ग के बीच पार्टी का समर्थन मजबूत होगा।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण घोषणा है, जिससे मध्यम वर्ग का भाजपा में विश्वास बढ़ेगा। उन्होंने कहा, ‘हमने अपने बजट में मध्यम वर्ग के लिए पहले ही कई घोषणाएं की हैं, और हम भविष्य में भी उनके लिए और अधिक करते रहेंगे। 12 लाख रुपये की वार्षिक आय वाले लोगों को आयकर में छूट का आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा।’
सचदेवा ने कहा, ‘दिल्ली में बड़ी संख्या में करदाता हैं जिन्हें लाभ मिलेगा, और यह मध्यम वर्ग के लिए एक बजटीय उपहार है।’
भाषा नोमान अमित
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