नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को ऑनलाइन मंचों से जुड़े एक करोड़ ‘गिग’ कर्मियों के लिए एक सामाजिक सुरक्षा योजना की घोषणा की और कहा कि सरकार उन्हें पहचान पत्र देगी। इसके साथ इन अस्थायी कर्मियों को ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण की सुविधा भी मिलेगी।
इस कदम से इन मंच कर्मियों को विभिन्न सरकारी एजेंसियों की सामाजिक कल्याण योजनाओं का लाभ उठाने में मदद मिलेगी।
सीतारमण ने कहा कि सरकार एक करोड़ ‘गिग’ श्रमिकों की सहायता के लिए ई-श्रम मंच पर पहचान पत्र और पंजीकरण की व्यवस्था करेगी। ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए डिलिवरी सेवाएं प्रदान करने वाले कर्मचारी आदि गिग कर्मियों की श्रेणी में आते हैं। इनमें उबर, ओला, स्विगी और जोमैटो जैसे ऑनलाइन मंच से जुड़े लोग शामिल हैं।
केंद्रीय बजट 2025-26 पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि शहरी श्रमिकों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए एक योजना लागू की जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘ ऑनलाइन मंच के ‘गिग’ वर्कर ‘न्यू एज’ सेवा अर्थव्यवस्था को बहुत गतिशीलता प्रदान करते हैं। उनके योगदान को मान्यता देते हुए हमारी सरकार ई-श्रम पोर्टल पर उनके पहचान पत्र और पंजीकरण की व्यवस्था करेगी।’’
सीतारमण ने कहा कि ऐसे श्रमिकों को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) के तहत स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं प्रदान की जाएंगी और इस उपाय से करीब एक करोड़ श्रमिकों को सहायता मिलने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि इस उपाय से लगभग एक करोड़ गिग कर्मियों को सहायता मिलने की संभावना है। अबतक विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों या विभागों की 12 योजनाओं को ई-श्रम पोर्टल के साथ जोड़ा जा चुका है।
इस घोषणा की सराहना करते हुए भारतीय मजदूर संघ ने कहा कि गिग और मंच श्रमिकों के लिए ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण सामाजिक सुरक्षा ढांचे में उनकी पहचान और समावेश सुनिश्चित करेगा।
डेलॉयट इंडिया की कार्यकारी निदेशक दीपिका माथुर ने भी इस कदम का स्वागत किया और कहा कि उनके लिए स्वास्थ्य सुविधा की घोषणा एक सराहनीय कदम है।
माथुर ने कहा, ‘‘उन्हें प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत स्वास्थ्य सेवा दी जाएगी। इस उपाय से लगभग एक करोड़ गिग श्रमिकों को लाभ मिलने की संभावना है।’’
भाषा पाण्डेय अजय
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