नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) सरकार ने कर संग्रह में सुधार की उम्मीद के बीच अगले वित्त वर्ष 2025-26 के लिए शुद्ध आधार पर कर्ज के अनुमान घटाकर 11.54 लाख करोड़ रुपये कर दिया है।
सरकार को अपने राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पूरा करने के लिए दिनांकित प्रतिभूतियां जारी कर कर्ज लेना पड़ता है।
हालांकि, सकल बाजार उधारी को चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अनुमानित 14.01 लाख करोड़ रुपये से संशोधित कर 14.82 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा, ‘‘ 2025-26 तक, कर्ज के अलावा कुल प्राप्तियां और कुल व्यय क्रमशः 34.96 लाख करोड़ रुपये और 50.65 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। शुद्ध कर प्राप्तियां 28.37 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।’’
वित्त वर्ष 2025-26 के लिए राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। जबकि चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए इसके 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए राजकोषीय घाटा 15,68,936 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।
सीतारमण ने कहा, ‘‘ राजकोषीय घाटे के वित्तपोषण के लिए दिनांकित प्रतिभूतियों से शुद्ध बाजार कर्ज 11.54 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है। शेष वित्तपोषण लघु बचत व अन्य स्रोतों से आने की उम्मीद है। सकल बाजार उधारी 14.82 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है।’’
भाषा निहारिका अजय
अजय