नयी दिल्ली, 20 जनवरी (भाषा) केंद्र सरकार ने कृत्रिम स्रोतों से प्राप्त अगरवुड के टुकड़े और पाउडर के लिए राज्यों की वार्षिक निर्यात सीमा बढ़ाकर 1,51,080 किलोग्राम कर दी है। अबतक यह सीमा 25,000 किलोग्राम थी।
सुगंधित लकड़ी अगरवुड का इस्तेमाल इत्र, सुगंधित धूप और पारंपरिक दवाइयां बनाने में किया जाता है।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना में कहा कि अगर के तेल के लिए राज्यों की वार्षिक निर्यात सीमा भी 1,500 किलोग्राम से बढ़ाकर 7,050 किलोग्राम कर दी गई है। हालांकि यह वृद्धि कुछ शर्तों के अधीन है।
अगरवुड का निर्यात करने वाले राज्यों में असम, त्रिपुरा, मणिपुर, नगालैंड, कर्नाटक, केरल और मेघालय शामिल हैं।
डीजीएफटी ने कहा, ‘‘कृत्रिम स्रोतों से प्राप्त अगरवुड के टुकड़े और पाउडर के लिए राज्यों की वार्षिक निर्यात सीमा 25,000 किलोग्राम से बढ़ाकर 1,51,080 किलोग्राम कर दी गई है।’’
भाषा रमण प्रेम
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