पटना, 20 जनवरी (भाषा) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने सोमवार को घोषणा की कि वह राज्य की कथित ‘तानाशाह’ राजग सरकार के खिलाफ जनमत जुटाने के लिए अगले सप्ताह बिहार के सीमांचल क्षेत्र में ‘पदयात्रा’ शुरू करेंगे।
पटना में एक ‘प्रेस कॉन्फ्रेंस’ में यह घोषणा करते हुए वामपंथी नेता ने मुस्लिम बहुल और आर्थिक रूप से पिछड़े एवं बाढ़ प्रभावित उक्त क्षेत्र का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी यह पदयात्रा एक फरवरी को अररिया जिले के फारबिसगंज से शुरू होगी और पांच फरवरी को पूर्णिया में समाप्त होगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की परीक्षा में कथित अनियमितताओं के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शन जैसे मुद्दों के प्रति बिहार की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ‘तानाशाहीपूर्ण’ रवैया अपनाए हुए है।
भाकपा (माले) नेता ने आरोप लगाया, ‘‘हम छात्रों की दोबारा परीक्षा की मांग में पूरी तरह से उनके साथ हैं। लाठीचार्ज के जरिए उनके विरोध को कुचलने की कोशिश की गई है। इसी तरह प्रशासन हमें डराने की कोशिश कर रहा है।’’
उन्होंने दावा किया कि, ‘‘मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ‘प्रगति यात्रा’ पर हैं, जिसे आतंक यात्रा कहा जाना चाहिए। अब तक उन्होंने जिन जिलों का दौरा किया है, वहां हमारे पार्टी कार्यालयों पर पुलिस की छापेमारी हुई है और छात्र संगठनों को मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपने से रोकने की कोशिश की गई है। हमारा मानना है कि केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा की इस तरह के दबावपूर्ण व्यवहार में नीतीश कुमार से अधिक भूमिका है।’’
भट्टाचार्य ने इस सवाल को टाल दिया कि क्या वह जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के प्रमुख मुख्यमंत्री नीतीश को महागठबंधन में वापस लाने के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं केवल इतना कह सकता हूं कि बिहार के लोग खुद को लगभग 20 साल इस पुरानी सरकार से मुक्त करना चाहते हैं। हम लोगों के साथ खड़े हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा बिहार में सत्ता हासिल करने और नीतीश कुमार को किनारे करने की कोशिश करेगी। पार्टी ने ओडिशा में बीजू जनता दल (बीजद) और महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) जैसे क्षेत्रीय दलों के साथ भी ऐसा ही किया है।’’
लोकसभा चुनाव में बिहार में लड़ी गई तीन सीट में से दो सीट पर पार्टी की जीत का जिक्र करते हुए भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘विधानसभा चुनाव साल के अंत में होने हैं…लेकिन अगर आपको (पत्रकारों को) लगता है कि हम अपने चुनावी प्रदर्शन के आधार पर अधिक सीट पाने के हकदार हैं, तो कृपया हमारा समर्थन करें।’’
हालांकि, उन्होंने कहा कि बिहार के मतदाताओं को मतदाता सूची में छेड़छाड़ के कथित प्रयासों के प्रति सतर्क रहना चाहिए जैसा कि लोकसभा चुनाव और महाराष्ट्र में हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में देखा गया है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा बिहार में किए गए जाति सर्वेक्षण को ‘फर्जी’ बताए जाने के बारे में पूछे गए सवाल को टालते हुए वामपंथी नेता ने कहा, ‘‘इस बात पर जोर देने की जरूरत है कि सरकार इस सर्वेक्षण के निष्कर्षों के मद्देनजर गरीबों को लाभ प्रदान करने में विफल रही है।’’
भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘राज्य सरकार ने वंचित जातियों के लिए आरक्षण का कोटा बढ़ाया था, लेकिन अदालत ने इन कानूनों को रद्द कर दिया। अब सरकार को नए कानून लाने चाहिए और इन्हें नौवीं अनुसूची में शामिल करके इनकी सुरक्षा के लिए कदम उठाने चाहिए। इसके लिए उसे उन पार्टियों को विश्वास में लेना चाहिए, जिनके लोकसभा में सदस्य हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, यह सुनिश्चित करने की भी आवश्यकता है कि पूरे देश में जाति आधारित जनगणना हो। भाजपा को गरीबों की चिंताओं की कोई परवाह नहीं है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का मानना है कि मंदिर बनाकर नौकरियां पैदा की जा सकती हैं।’’
वामपंथी नेता ने अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए शासनकाल में अमेरिका में ‘कठिन समय’ की भी भविष्यवाणी की। उन्होंने कहा, ‘‘ट्रंप वहां रहने वाले भारतीयों को घुसपैठिया कह रहे हैं जो कि ठीक वैसा ही है जैसा कि भाजपा मुसलमानों के मामले में करती है। रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद लगाए गए प्रतिबंधों के बावजूद रूस से तेल खरीदने के लिए अमेरिका भारत को दंडित कर सकता है।’’
भाषा अनवर
संतोष
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