तिरुवनंतपुरम, 17 जनवरी (भाषा) केरल में तिरुवनंतपुरम जिले कथित तौर पर समाधि लिए 69 वर्षीय व्यक्ति के शव को पोस्टमॉर्टम के बाद शुक्रवार को नेय्याट्टिनकारा के दोबारा दफना दिया गया।
अधिकारियों ने बताया कि परिवार द्वारा गोपन स्वामी के ‘समाधि’ लेने के दावे किये जाने के बाद शव को निकाला गया था।
अधिकारियों ने बताया कि पार्थिव शरीर को एक धार्मिक जुलूस के साथ स्थल पर लाया गया। इसके बाद शरीर को ‘ओम नमो नमः शिवाय’ के मंत्रोच्चार के बीच पद्मासन में एक बड़े चौकोर गड्ढे में दोबारा दफनाया गया।
उनके परिवार और अंत्येष्टि आयोजकों ने बताया कि उक्त व्यक्ति को ‘महासमाधि’ दी गई।
गोपन स्वामी के शव को शवगृह से फूलों से सजे एक खुले वाहन में घर लाया गया और पद्मासन में बैठाकर पूरी तरह से लाल कपड़े में लपेटा गया।
धार्मिक जुलूस के दौरान उनके रिश्तेदारों और समर्थकों ने उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प वर्षा की।
एक बड़ा चौकोर गड्ढा तैयार किया जिसे ‘ऋषि पीठम’ नाम दिया गया था और पार्थिव शरीर को ‘विभूति’ के साथ पद्मासन अवस्था में दफनाया गया।
पूरे ‘महासमाधि’ अनुष्ठान के दौरान स्थानीय धार्मिक नेताओं और संन्यासियों ने ‘ओम नमो… नमः शिवाय’ का जाप किया, जबकि इसे देखने के लिए वहां बड़ी संख्या में भीड़ जमा हुई।
गोपन स्वामी के अवशेषों को बृहस्पतिवार को कड़ी सुरक्षा के बीच खोदकर निकाला गया और उनकी रहस्यमय मौत की जांच के तहत पोस्टमार्टम किया गया।
तिरुवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज में पोस्टमार्टम के बाद उसी दिन दोपहर तक शव परिवार को सौंप दिया गया।
पुलिस ने बताया कि प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार मौत का कारण प्राकृतिक प्रतीत होता है।
इस सप्ताह के प्रारंभ में शव को बाहर निकालने का प्रारंभिक प्रयास परिवार के सदस्यों और निवासियों के विरोध के कारण रोक दिया गया था।
इसके बाद उनके परिजनों ने शव को निकालने से रोकने के लिए केरल उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, लेकिन न्यायालय ने हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।
यह घटना तब प्रकाश में आई जब व्यक्ति के आवास के पास पोस्टर लगा दिए गए, जिन पर लिखा था, ‘‘गोपन स्वामी ने समाधि ले ली है’’।
पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज किया और निवासियों की गड़बड़ी की शिकायत के बाद शव को निकालने का काम शुरू किया।
गोपन स्वामी के पुत्र राजसेनन ने दावा किया कि उनके पिता 10 जनवरी को रात करीब 11:30 बजे शव-स्थल पर पहुंचे और समाधि ले ली।
उन्होंने मीडिया को बताया कि उनके पिता ने परिवार को निर्देश दिया था कि उनके शव को लोगों की नजर से दूर रखा जाए तथा उसे निर्धारित स्थान पर दफनाया जाए।
भाषा
शुभम माधव धीरज
धीरज