नयी दिल्ली, 17 जनवरी (भाषा) केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कर्ज के बोझ से दबी राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (आरआईएनएल) के लिए 11,440 करोड़ रुपये की पुनरुद्धार योजना को मंजूरी दे दी है। शुक्रवार को जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने आरआईएनएल के लिए 11,440 करोड़ रुपये की पुनरुद्धार योजना को मंजूरी दे दी है।
आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इस निवेश में आरआईएनएल में शेयर पूंजी के रूप में 10,300 करोड़ रुपये और 1,140 करोड़ रुपये के कार्यशील पूंजी ऋण को सात प्रतिशत गैर-संचयी तरजीही शेयर पूंजी के रूप में परिवर्तित करना शामिल है। इसे 10 वर्षों के बाद भुनाया जा सकेगा, ताकि आरआईएनएल को चालू हालत में रखा जा सके।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस पुनरुद्धार पैकेज से आरआईएनएल की कई पुरानी समस्याएं हल हो जाएंगी।
बयान में कहा गया, आरआईएनएल में 10,300 करोड़ रुपये की शेयर पूंजी निवेश से उसे कार्यशील पूंजी जुटाने से संबंधित परिचालन संबंधी समस्याओं को दूर करने और सबसे अधिक उत्पादक तरीके से ब्लास्ट फर्नेस परिचालन शुरू करने में मदद मिलेगी।
पुनरुद्धार पैकेज से कंपनी धीरे-धीरे अपनी पूर्ण उत्पादन क्षमता तक पहुंच सकेगी, जो महत्वपूर्ण है। इस्पात उत्पादन को बढ़ाकर भारतीय इस्पात बाजार में स्थिरता लाने तथा कर्मचारियों (नियमित और अनुबंध वाले) और इस्पात संयंत्र के संचालन पर निर्भर लोगों की आजीविका को बचाने के लिए राष्ट्रीय हित में है।
पुनरुद्धार योजना में परिकल्पना की गई है कि आरआईएनएन जनवरी 2025 में दो ब्लास्ट फर्नेस के साथ और अगस्त 2025 तक तीन ब्लास्ट फर्नेस के साथ पूर्ण उत्पादन शुरू कर देगा।
इस्पात मंत्रालय के तहत, आरआईएनएल विशाखापत्तनम स्टील संयंत्र (वीएसपी) का संचालन करती है, जो आंध्र प्रदेश में एकमात्र अपतटीय इस्पात संयंत्र है।
भाषा निहारिका रमण
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