न्यायालय ने घर खरीदारों को दी राहत, यूनिटेक हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को रेरा पंजीकरण से मिली छूट

Ankit
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नयी दिल्ली, 16 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को रियल एस्टेट कंपनी यूनिटेक लिमिटेड की सात राज्यों में स्थित आवास परियोजनाओं को रेरा के तहत पंजीकरण से बृहस्पतिवार को छूट दे दी, जिससे हजारों घर खरीदारों को राहत मिली है।


न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन. नोटिस्वर सिंह की पीठ ने कहा कि इस आदेश से यूनिटेक की विभिन्न परियोजनाओं के घर खरीदारों का रुका हुआ ऋण जारी करने और अग्रिम राशि देने के लिए प्रक्रियागत आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद मिलेगी।

पीठ ने आदेश दिया, “हम तदनुसार निर्देश देते हैं कि यूनिटेक की सभी जारी परियोजनाएं अगले आदेश तक रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (रेरा) के तहत पंजीकरण से मुक्त रहेंगी।”

रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 के तहत 500 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल वाली प्रत्येक परियोजना या आठ से अधिक अपार्टमेंट वाले प्रत्येक प्रोजेक्ट को रेरा में पंजीकृत कराना आवश्यक है।

शीर्ष अदालत ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों को भी नोटिस जारी किए हैं, जिन्होंने घर खरीदारों के ऋण खातों को गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) घोषित कर दिया है, क्योंकि यूनिटेक समूह के पूर्ववर्ती प्रबंधन के दौरान आई वित्तीय समस्याओं और रेरा अधिनियम के तहत गैर-अनुपालन के कारण परियोजनाओं के पूरा होने में देरी हुई थी।

न्यायालय ने यूनिटेक लिमिटेड की याचिका पर यह नोटिस जारी किया, जिसका संचालन वर्तमान में सरकार की ओर से नियुक्त निदेशक मंडल द्वारा किया जा रहा है। याचिका में घर खरीदारों की रुकी हुई ऋण राशि के वितरण के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।

याचिका में दलील दी कि गई जिन बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने पहले यूनिटेक की परियोजनाओं में मकान खरीदने के लिए घर खरीदारों का ऋण मंजूर किया था, उन्होंने परियोजनाओं के आगे नहीं बढ़ने के कारण बकाया राशि का भुगतान रोक दिया है।

यूनिटेक लिमिटेड ने कहा कि अब चूंकि परियोजनाएं दोबारा शुरू हो गई हैं, इसलिए घर खरीदारों को ऋण वितरित करने के लिए वित्तीय संस्थानों को निर्देश जारी किए जाएं।

कंपनी ने कहा कि घर खरीदारों ने अब तक अपने फ्लैट के लिए लगभग 70 प्रतिशत राशि भुगतान कर दिया है, लेकिन इसके बाद बैंकों ने ऋण राशि जारी करने पर रोक लगा दी है।

शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोएडा में बन रही तीन परियोजनाओं में पुलिस बल तैनात करने और वहां से अतिक्रमण हटाने का भी निर्देश दिया, जहां यूनिटेक समूह को स्थानीय लोगों से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

अदालत ने नोएडा के पुलिस आयुक्त को एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने को कहा, जो यूनिटेक के परियोजना स्थलों पर उपयुक्त पुलिस बल तैनात करने के लिए जिम्मेदार होगा और किसी भी आपात स्थिति में उससे संपर्क किया जा सकेगा।

इसने उत्तर प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष को नोएडा में निर्माणाधीन यूनिटेक की परियोजनाओं को पर्यावरणीय मंजूरी देने का भी निर्देश दिया।

शीर्ष अदालत ने नोएडा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को तीनों परियोजनाओं के लिए मंजूरी देने को निर्देश दिया और कहा कि यदि कोई मुद्दा अनसुलझा रह जाता है तो उसे 21 जनवरी को पूर्व शीर्ष अदालत के न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए.एम. सप्रे की अध्यक्षता वाली समिति के समक्ष उठाया जाए।

भाषा धीरज जोहेब

जोहेब



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