करीब 90,000 वेतनभोगी करदाताओं ने 1,070 करोड़ रुपये की कर छूट के गलत दावे वापस लिए

Ankit
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नयी दिल्ली, 16 जनवरी (भाषा) आयकर विभाग ने बड़ी संख्या में गलत रिफंड के दावों का पता लगाया है। सार्वजनक क्षेत्र के उपक्रमों और निजी क्षेत्र दोनों से 90,000 वेतनभोगी व्यक्तियों ने कर से बचने के लिए 31 दिसंबर, 2024 तक कुल 1,070 करोड़ रुपये की छूट के गलत दावे वापस लिए हैं। सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी।


आयकर विभाग द्वारा किए गए विभिन्न खोज और जब्ती और सर्वेक्षण कार्यों के दौरान, यह संज्ञान में आया है कि विभिन्न व्यक्ति अपने आईटीआर में आयकर कानून की धारा 80सी, 80डी, 80ई, 80जी, 80जीजीबी, 80जीजीसी के तहत गलत कटौती का दावा कर रहे हैं, जिससे सरकार को मिलने वाले कर में कमी आ रही है।

सूत्रों ने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि ऐसे व्यक्ति सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, बड़ी कंपनियों, बहुराष्ट्रीय कंपनियों, निजी कंपनियों सहित विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले संगठनों के कर्मचारी हैं। साथ ही, गलत कटौती का दावा करने वालों में से ज्यादातर एक ही कंपनी में काम कर रहे थे।

विभाग के पास मौजूद जानकारी के विश्लेषण से पता चला कि करदाताओं के आयकर रिटर्न में धारा 80जीजीबी/80जीजीसी के तहत दावा की गई कुल कटौतियों और दिखाई गई कुल प्राप्तियों के बीच भारी अतंर है।

सूत्रों ने कहा कि इसी तरह, धारा 80सी, 80ई, 80जी के तहत दावा की गई कटौती भी संदेहास्पद जान पड़ती है।

उन्होंने कहा कि नियोक्ताओं (टीडीएस कटौती करने वाले) की एक सूची की पहचान की गई है और कर विभाग यथासंभव अधिक से अधिक व्यक्तियों तक पहुंच बनाएगा, जिनपर धारा 80ई, 80जी, 80जीजीए, 80जीजीसी और अन्य कटौतियों के तहत फर्जी कटौती का दावा करने का संदेह है।

सूत्र ने कहा, ‘‘इसके अलावा, सत्यापन से पता चला है कि कुछ गड़बड़ी करने वाले तत्वों ने करदाताओं को गलत कटौती/रिफंड के दावे के लिए गुमराह किया है।’’

उन्होंने कहा कि विभाग आयकर रिटर्न में गलत तरीके से कटौती का दावा करने के परिणामों और करदाताओं के भूल-चूक को सुधारने के लिए उठाए जा सकने वाले सुधारात्मक उपायों के बारे में जागरूकता के लिए नियोक्ताओं के साथ बैठकें कर रहा है।

एक सूत्र ने कहा, ‘‘31 दिसंबर, 2024 तक, लगभग 90,000 करदाताओं ने अपने आईटीआर में लगभग 1,070 करोड़ रुपये की कटौती का गलत दावा वापस ले लिया है और अतिरिक्त कर का भुगतान किया है।’’

आयकर अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के अनुसार, करदाता संबंधित आकलन वर्ष समाप्त होने पर, 2022-23 से 2024-25 के लिए दो साल के भीतर त्रुटियों को सुधारते हुए कुछ अतिरिक्त कर के भुगतान पर अद्यतन रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।

सूत्रों ने बताया कि स्वैच्छिक कर अनुपालन को बढ़ावा देने और मुकदमेबाजी को कम करने के विभाग के प्रयासों को तेज करने के लिए नियोक्ताओं के साथ बैठकें की जा रही हैं।

भाषा रमण अजय

अजय



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