बीड के सरपंच की हत्या की न्यायिक जांच के लिए समिति गठित |

Ankit
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मुंबई, 16 जनवरी (भाषा) महाराष्ट्र सरकार ने बीड जिले में सरपंच संतोष देशमुख की हत्या की न्यायिक जांच के लिए उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एम एल तहलियानी की एकल सदस्यीय समिति गठित की है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।


बीड के मासाजोग गांव के सरपंच देशमुख का 9 दिसंबर को अपहरण कर लिया गया, उन्हें कथित तौर पर प्रताड़ित किया गया और उनकी हत्या कर दी गई।

प्रारंभिक जांच से संकेत मिलता है कि देशमुख ने क्षेत्र में पवनचक्की परियोजना संचालित करने वाली एक ऊर्जा कंपनी से जबरन वसूली के प्रयास को बाधित करने की कोशिश की थी।

पुलिस ने हत्या के मामले में कई लोगों को गिरफ्तार किया है। महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय देशमुख के सहयोगी वाल्मीक कराड को संबंधित जबरन वसूली के मामले में गिरफ्तार किया गया है और सरपंच की हत्या की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने बुधवार को उन्हें सात दिन की हिरासत में ले लिया।

बुधवार को जारी सरकारी आदेश के अनुसार, न्यायिक समिति यह पता लगाएगी कि क्या देशमुख की मौत के लिए कोई व्यक्ति या संस्थान जिम्मेदार है।

समिति घटना के दौरान पुलिस और जिला प्रशासन के संसाधनों की पर्याप्तता का भी आकलन करेगी, कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा की गई कार्रवाई का मूल्यांकन करेगी और किसी भी ऐसे अधिकारी की पहचान करेगी जो जवाबदेह हो सकता है।

आदेश में कहा गया है कि समिति को भविष्य में इसी तरह की घटनाओं को रोकने के उपाय सुझाने का भी काम सौंपा गया है।

सरकार ने बुधवार को परभणी के प्रदर्शनकारी सोमनाथ सूर्यवंशी की हिरासत में मौत की न्यायिक जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश वी एल अचलिया की एक सदस्यीय समिति भी गठित की।

समिति दलित प्रदर्शनकारी की हिरासत में मौत से संबंधित घटनाओं के क्रम और कारणों की जांच करेगी। अधिकारियों के अनुसार, समिति हिंसा के दौरान स्थिति को संभालने के लिए परभणी पुलिस द्वारा उठाए गए कदमों की भी जांच करेगी।

सूर्यवंशी (35) की 15 दिसंबर को परभणी के एक सरकारी अस्पताल में न्यायिक हिरासत में मौत हो गई थी। कुछ दिन पहले उन्हें संविधान की, कांच के अंदर रखी प्रतिकृति के अपमान को लेकर परभणी में हुई हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था।

पुलिस ने कहा था कि सूर्यवंशी की मौत बीमार पड़ने के बाद हुई।

आदेश के अनुसार, दोनों समितियों को अपने निष्कर्ष तीन से छह महीने के भीतर सरकार को प्रस्तुत करने होंगे।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पिछले महीने राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में इन दोनों घटनाओं पर चर्चा के बाद इनकी न्यायिक जांच की घोषणा की थी।

भाषा वैभव मनीषा

मनीषा



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