विश्विद्यालयों में सार्वजनिक-निजी भागीदारी में मॉडल करियर सेवा केंद्र खोले जाएंगे: मांडविया |

Ankit
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नयी दिल्ली, 15 जनवरी (भाषा) केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने बुधवार को कहा कि रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक विश्वविद्यालय में सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत मॉडल करियर सेवा केंद्र स्थापित किए जाएंगे।


ये केंद्र करियर के बारे में परामर्श प्रदान करेंगे और देश में विभिन्न क्षेत्रों में नौकरी चाहने वाले छात्रों के लिए उद्योग के साथ संबंध जोड़ेंगे।

उन्होंने ‘नौकरियों का भविष्य, ‘कल के कार्यबल को साझा करना: एक गतिशील दुनिया में विकास को आगे बढ़ाना’ विषय पर आयोजित उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने गुरुग्राम में एक मॉडल करियर परामर्श केंद्र बनाने की सीआईआई की पहल की सराहना की।

मांडविया ने कहा, ‘‘इस प्रकार का मॉडल केंद्र पीपीपी के अंतर्गत होना चाहिए…मैं सीआईआई, फिक्की और एसोचैम जैसे उद्योग मंडलों के माध्यम से जहां भी उनकी पहुंच हो, हर विश्वविद्यालय में एक करियर परामर्श केंद्र स्थापित करना चाहता हूं।’’

उन्होंने सुझाव दिया कि केंद्र स्थापित करने के लिए परिसर विश्वविद्यालय देंगे। जबकि कौशल और काम उद्योग मंडल और स्थानीय उद्योग निकाय करेंगे। लॉजिस्टिक मदद रोजगार मंत्रालय उपलब्ध कराएगा।

मंत्री ने कहा कि नौकरियों की कोई कमी नहीं है। नौकरी चाहने वालों को केवल दिशानिर्देश की जरूरत है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास कौशल के साथ-साथ जनशक्ति भी है। हमें एक परिवेश बनाने की जरूरत है। धन सृजित करने वालों का सम्मान किया जाना चाहिए। जब ​​धन सृजित होता है तब रोजगार सृजित होता है।’’

मांडविया ने कहा कि नेशनल करियर सर्विस पोर्टल पर पांच लाख नौकरियां उपलब्ध हैं।

उन्होंने सुझाव दिया, ‘‘हमें कौशल विकास के बारे में सोचने की जरूरत है। हमें उपलब्ध काम और कौशल की मांग के आधार पर एक कुशल कर्मचारी तैयार करने की जरूरत है।’’

मंत्री ने रोजगार की परिभाषा में बदलाव की जरूरत पर भी जोर देते हुए कहा कि अपने घर या अपने क्षेत्र में काम करके संपत्ति बनाने वाले लोग भी नियोजित हैं। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि कार्यबल विश्लेषण के लिए एक कार्यबल होना चाहिए।

भाषा रमण अजय

अजय



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