करीब 16 घंटे तक चला राहत-बचाव अभियान |

Ankit
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कन्नौज/कानपुर, 12 जनवरी (भाषा) उत्तर प्रदेश के कन्नौज में रेलवे स्टेशन पर निर्माणाधीन इमारत का लिंटर ढहने से हुए हादसे के बाद राहत एवं बचाव कार्य करीब 16 घंटे तक चला और इस अभियान में जुटी टीमें रविवार सुबह वापस लौट गयीं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।


पुलिस के अनुसार शनिवार को अमृत भारत योजना के तहत कन्नौज रेलवे स्टेशन पर निर्माणाधीन दो मंजिला इमारत का लिंटर ढहने से मलबे में 20 से अधिक मजदूर दब गए। हालांकि, हादसे में जान हानि की कोई खबर नहीं है।

पुलिस ने कहा कि करीब 16 घंटे तक चले राहत एवं बचाव अभियान में 28 मजदूरों को मलबे से निकालकर अस्पताल में भर्ती कराया गया। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम, राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीम और रेलवे की टीम शनिवार को रात भर बचाव अभियान में जुटी रही और पूरे मलबे को हटाया।

अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि गंभीर रूप से घायल दो लोगों को कानपुर के लाला लाजपत राय (एलएलआर) अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जो खतरे से बाहर हैं। अस्पताल के सूत्रों के अनुसार, उनमें से एक के सिर में चोट लगी है, जबकि दूसरे के पैर में चोट आई है।

रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि मलबा हटाने के बाद कोई भी मजदूर दबा नहीं मिला जिसके बाद बचाव अभियान रविवार सुबह बंद कर दिया गया और इस कार्य में जुटी टीमें वापस चली गईं। रेलवे के आधिकारी अभियान के दौरान रात भर घटनास्थल पर मौजूद रहे।

कन्नौज के जिलाधिकारी शुभ्रांत कुमार शुक्ल ने सुबह रेलवे स्टेशन पर पहुंच कर फिर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने इस हादसे में जनहानि नहीं होने पर संतोष भी जताया।

शुक्ल ने बताया कि 16 घायलों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है जबकि अन्य घायलों का इलाज किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि रेलवे गंभीर रूप से घायल हुए मजदूरों को ढाई-ढाई लाख रुपये एवं सामान्य रूप से घायल हुए लोगों को 50-50 हजार रूपये की आर्थिक सहायता देगी।

कन्नौज रेलवे स्टेशन पर लिंटर ढहने की घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है जिसमें साफ दिख रहा है कि नीचे मजदूर निर्माण कार्य में जुटे हुए हैं और फिर एक मजदूर अपने हाथ में एक बल्ली लेकर छत के नीचे पहुंचा। उसने बल्ली से शटरिंग को ठीक करने की कोशिश की जिससे शटरिंग खिसक गई और शटरिंग के साथ ही लिंटर ढह गया। लिंटर गिरते ही पूरे स्टेशन परिसर में धुंध सी छा गई। थोड़ी देर तक लोग समझ ही नहीं पाए कि आखिर क्या हुआ।

हालांकि, आसपास मौजूद लोगों ने तुरंत वहां पहुंच कर मजदूरों को निकालने की कोशिश की लेकिन मलबा ज्यादा होने से लोग कामयाब नहीं हो पाए। तब रेलवे के अधिकारियों ने मोर्चा संभाला और बचाव टीम तुरंत पहुंच गई और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया।

कन्नौज हादसे का संज्ञान लेते हुए पूर्वोत्तर रेलवे ने घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय एक उच्‍च स्‍तरीय समिति का गठन किया है।

जीएसवीएम कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. संजय काला ने बताया कि दो घायलों को कानपुर के लाला लाजपत राय (एलएलआर) अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत खतरे से बाहर है।

उन्होंने बताया कि घायलों को बेहतर उपचार दिया जा रहा है, जिनमें से एक के सिर में चोट लगी है, जबकि दूसरे के पैर में चोट है।

काला ने बताया कि घायलों की देखभाल के लिए वरिष्ठ डॉक्टरों की एक टीम गठित की गई है और घायलों को बेहतर उपचार देने के निर्देश दिए गए हैं।

भाषा सं, आनन्द नोमान

नोमान



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