कन्नौज रेलवे स्टेशन पर निर्माणाधीन इमारत ढही, 20 से अधिक मजदूर घायल, जांच के लिए समिति गठित |

Ankit
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(फोटो के साथ)


कन्नौज, 11 जनवरी (भाषा) उत्तर प्रदेश के कन्नौज में रेलवे स्टेशन पर शनिवार को अमृत भारत योजना के तहत निर्माणाधीन दो मंजिला एक इमारत का लिंटर ढहने से मलबे में 20 से अधिक मजदूर दब गए। पुलिस ने यह जानकारी दी।

कन्नौज हादसे का संज्ञान लेते हुए पूर्वोत्तर रेलवे ने घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय उच्‍च स्‍तरीय समिति का गठन किया है और घटना में मामूली रूप से घायलों को 50-50 हजार रुपये और गंभीर रूप से घायलों को ढाई लाख रुपये देने की घोषणा की है।

पुलिस के मुताबिक मलबे में कई मजदूरों के दबे होने की आशंका है। इस घटना के बाद तत्काल बचाव अभियान शुरू किया गया और छह घायल मजदूरों को मलबे से बाहर निकाल कर उन्‍हें अस्‍पताल भेजा गया है। इस घटना में अब तक कुल 23 लोग घायल हुए हैं।

घटनास्थल से प्राप्त प्रारंभिक दृश्यों में अफरा-तफरी और भ्रम का माहौल दिखाई दे रहा था, जहां लोगों की भीड़, धूल और टूटी हुई बीम के बीच फंसे हुए लोगों को बचाने का प्रयास कर रही थी।

बचाव प्रयासों की निगरानी के लिए मौके पर पहुंचे समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने संवाददाताओं से कहा, ‘इस हादसे में अब तक 23 लोग घायल हुए हैं। इनमें से 20 लोगों को मामूली चोटें आई हैं और तीन को गंभीर चोटें आई हैं। घटनास्थल पर बचाव अभियान अभी भी जारी है और इसमें कुछ और समय लगेगा।’

मंत्री ने कहा कि जो इमारत ढही है, वह कन्नौज रेलवे स्टेशन का नया टर्मिनल है, जिसका निर्माण अमृत योजना के तहत किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘बचाव अभियान पूरा होने के बाद घटना की गहन जांच की जाएगी।’

हादसे के बाद स्टेशन पर मौजूद यात्रियों में भी भगदड़ मच गई। मौके पर अधिकारियों ने आकर जांच पड़ताल शुरू की और बचाव अभियान शुरू किया।

इसके पहले कन्नौज के जिलाधिकारी शुभ्रांत कुमार शुक्ल ने हादसे के बारे में कहा, ‘‘ प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, यह हादसा उस समय हुआ जब निर्माणाधीन इमारत की छत की शटरिंग गिर गई।’’

छत की शटरिंग एक अस्थायी संरचना है जो कंक्रीट को जमने के दौरान सहारा देती है।

जिलाधिकारी ने कहा, ‘‘हमारी पहली प्राथमिकता मलबे में फंसे हुए श्रमिकों को बचाना है। हम बचाव कार्यों के लिए अपने पास उपलब्ध सभी संसाधनों का उपयोग कर रहे हैं।’’

बचाव अभियान की निगरानी के लिए शुक्ल अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे थे।

उन्होंने कहा कि हादसे के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीमें भी राहत कार्य में जुटी हुई हैं।

घटनास्थल पर मौजूद लोगों में से एक महेश कुमार ने बताया कि वह बाल-बाल बच गए।

महेश ने कहा, ‘‘ जैसे ही शटरिंग पर कंक्रीट डाली गई, वह अचानक गिर गई। उस पर बैठे सभी लोग गिर गए। मैं किनारे पर खड़ा था और किसी तरह बच निकला।’’

घायलों को नजदीकी जिला अस्पताल और कानपुर के हैलट अस्पताल भेजा गया है। राहत और बचाव कार्य जारी हैं।

इस घटना का संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को मलबे में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने और उनका उचित इलाज सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।

राज्य सरकार के समाज कल्‍याण राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) असीम अरुण भी घटनास्थल पर पहुंचे। राज्य सरकार के अधिकारियों ने बताया कि राहत कार्य में हर संभव मदद के लिए राज्य राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी कन्नौज जिला प्रशासन के संपर्क में हैं।

मलबे में फंसे लोगों की तलाश के प्रयास जारी है, वहीं प्राथमिक उपचार और घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए चिकित्सा विभाग के कर्मचारियों के साथ करीब आधा दर्जन एम्बुलेंस को आरक्षित रखा गया है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जिला अस्पताल के आपातकालीन वार्ड और विशेषज्ञ चिकित्सकों को सतर्क कर दिया गया है।

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) पंकज कुमार सिंह ने हादसे के बाद जारी एक बयान में कहा कि कन्नौज रेलवे स्टेशन पर हुई घटना की जांच हेतु तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया है। जांच टीम में मुख्य अभियंता/योजना एवं डिजाइन, अपर मंडल रेल प्रबंधक/इज्जतनगर एवं मुख्य सुरक्षा आयुक्त/रेलवे सुरक्षा बल शामिल होंगे।

सीपीआरओ ने बताया कि इस घटना में घायल मजदूरों का समुचित इलाज चिकित्सालय में किया जा रहा है। घटना में मामूली रूप से घायलों को पचास हजार रुपये तथा गंभीर रूप से घायलों को दो लाख पचास हजार रुपये की धनराशि दी जाएगी।

इस बीच, समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कन्नौज के सांसद अखिलेश यादव ने रेलवे स्टेशन पर निर्माणाधीन इमारत का लिंटर गिरने से हुए हादसे पर गहरा दुख जताया है।

यादव ने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हुए सरकार से समुचित इलाज की व्यवस्था एवं राहत कार्य करने की मांग की है।

भाषा

सं, जफर, आनन्द, रविकांत रवि कांत



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