उच्च न्यायालय ने बागेश्वर में 159 खनन पट्टाधारकों को नोटिस जारी किए |

Ankit
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नैनीताल, 10 जनवरी (भाषा) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने बागेश्वर जिले में खड़िया(सोपस्टोन) के खनन की गतिविधियां जारी रहने के कारण मकानों में दरारें आने संबंधी एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए 159 खनन पट्टाधारकों को नोटिस जारी किए तथा राज्य सरकार से इस संबंध में चार सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने को कहा।


अदालत ने इस संबंध में प्रकाशित खबरों का स्वत: संज्ञान लिया, जिनमें ग्रामीणों ने खनन के कारण मकानों की हो रही दुर्दशा के बारे में शिकायतें की थीं।

इससे पहले, मुख्य न्यायाधीश जी नरेंदर और न्यायमूर्ति मनोज तिवारी की खंडपीठ ने बागेश्वर में सभी खनन कार्यों पर रोक लगा दी थी।

पीठ के इस आदेश के बावजूद खनन गतिविधियां जारी रहने पर असंतोष व्यक्त करते हुए अदालत ने राज्य सरकार से जिले के खनन अधिकारी तथा आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था।

वहीं बागेश्वर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शुक्रवार को अदालत में पेश हुए और एक हलफनामा दाखिल कर सूचना दी कि पुलिस ने खनन क्षेत्र में 124 पोकलेन और जेसीबी मशीनों को जब्त कर लिया है।

उच्च न्यायालय ने 159 खनन पट्टाधारकों को नोटिस जारी करते हुए उन्हें अदालत के सामने जवाब दाखिल करने को कहा।

उच्च न्यायालय ने खड़िया के खनन पर लगे प्रतिबंध को आगे बढ़ाते हुए राज्य सरकार से इस संबंध में चार सप्ताह के भीतर एक विस्तृत जवाब दाखिल करने को कहा है।

मामले की अगली सुनवाई 14 फरवरी को होगी।

भाषा सं दीप्ति जितेंद्र

जितेंद्र



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