नयी दिल्ली, आठ जनवरी (भाषा) कृत्रिम मेधा (एआई) की दिशा में सक्रिय सरकारी इकाई इंडियाएआई ने वर्ष 2026 तक पांच लाख लोगों को प्रशिक्षित करने के लिए दिग्गज प्रौद्योगिकी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के साथ साझेदारी की है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
इस साझेदारी के तहत छात्रों, शिक्षकों, सॉफ्टवेयर डेवलपर, सरकारी अधिकारियों और महिला उद्यमियों समेत पांच लाख लोगों को कृत्रिम मेधा में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
माइक्रोसॉफ्ट के भारत एवं दक्षिण एशिया खंड के अध्यक्ष पुनीत चंडोक ने पीटीआई-भाषा से कहा कि कंपनी के चेयरमैन एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सत्य नडेला द्वारा घोषित तीन अरब डॉलर का निवेश प्रौद्योगिकी, बुनियादी ढांचे एवं एआई क्षमता के निर्माण और इस देश में मानव पूंजी के सृजन पर होगा।
चंडोक ने कहा, ‘‘हमने पिछले साल 20 लाख लोगों को प्रशिक्षण देने की घोषणा की थी। हम पहले ही 24 लाख लोगों को प्रशिक्षित कर चुके हैं। हमने अगले पांच वर्षों में एक करोड़ लोगों को प्रशिक्षण देने की घोषणा की है। हमने इंडियाएआई मिशन के साथ एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए हैं और इसके तहत पांच लाख लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा।’’
सरकार ने मार्च, 2024 में देश में पांच वर्षों के भीतर एआई पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए 10,372 करोड़ रुपये मंजूर किए थे।
इस साझेदारी के तहत 10 राज्यों में 20,000 शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए 20 राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों (एनएसटीआई) और एनआईईएलआईटी केंद्रों में एआई उत्पादकता प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी। इसके साथ 200 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में बुनियादी एआई पाठ्यक्रमों के साथ एक लाख छात्रों को सशक्त बनाया जाएगा।
चंडोक ने कहा कि माइक्रोसॉफ्ट इंडियाएआई मिशन पर सरकार के साथ एक उत्कृष्टता केंद्र भी स्थापित कर रही है।
इस साझेदारी के तहत देश के दूसरी एवं तीसरी श्रेणी के शहरों में ग्रामीण एआई नवाचार को बढ़ावा देने और एक लाख नवोन्मेषी एवं डेवलपर को सक्षम बनाने के लिए उत्कृष्टता केंद्र ‘एआई कैटलिस्ट्स’ की स्थापना की जाएगी।
माइक्रोसॉफ्ट का ‘फाउंडर्स हब’ कार्यक्रम इंडियाएआई मिशन के तहत 1,000 एआई स्टार्टअप को एज्योर क्रेडिट, व्यावसायिक संसाधन और मार्गदर्शन भी देगा।
यह सहयोग भारत की भाषाई विविधता और अनूठी आवश्यकताओं को संबोधित करने के लिए भारतीय भाषा समर्थन के साथ आधारभूत मॉडल विकसित करने पर ध्यान देगा, जिससे सांस्कृतिक और प्रासंगिकता सुनिश्चित होगी।
माइक्रोसॉफ्ट और इंडियाएआई जिम्मेदार एआई के विकास के लिए रूपरेखा, मानक और मूल्यांकन मापदंड बनाने के लिए सहयोग करेंगे। इससे देश में एआई सुरक्षा संस्थान की स्थापना को समर्थन मिलेगा।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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