मां और चार बहनों की हत्या मामले में युवक के पिता की गिरफ्तारी के प्रयास जारी |

Ankit
3 Min Read


लखनऊ, दो जनवरी (भाषा) आगरा के युवक द्वारा अपनी मां और चार बहनों की लखनऊ के एक होटल में कथित तौर पर हत्या करने के मामले में आरोपी को बृहस्पतिवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया जबकि उसके पिता को गिरफ्तार करने के प्रयास जारी हैं।


पुलिस उपायुक्त (मध्य लखनऊ) रवीना त्यागी ने कहा, ‘‘हमने आरोपी मोहम्मद अरशद (24) के पिता मोहम्मद बद्र को तलाशने और उसे गिरफ्तार करने के लिए चार टीमें गठित की हैं। मुख्य आरोपी मोहम्मद अरशद ने अपने वीडियो में दावा किया है कि उसका पिता भी इस हत्या में शामिल था। अरशद को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।’’

पुलिस के मुताबिक, यह घटना शहर के नाका क्षेत्र में स्थित होटल शरनजीत में घटी। आरोपी अरशद ने अपने ही परिवार के पांच सदस्यों की कथित तौर पर हत्या कर दी। मृतकों में अरशद की बहनें आलिया (9), अलशिया (19), अक्सा (16) और रहमीन (18) और उसकी मां असमा शामिल हैं।

वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि शवों का पोस्टमार्टम डॉक्टरों के एक पैनल द्वारा किया गया जिसकी वीडियो रिकॉर्डिंग की गई।

इस घटना के तुरंत बाद एक वीडियो सोशल मीडिया पर आया जिसमें अरशद ने अपनी बहनों और मां की हत्या का अपराध स्वीकार किया है। उसका दावा है कि उसने अपने क्षेत्र के लोगों द्वारा उत्पीड़न की वजह से यह कदम उठाया।

अरशद ने कहा, “मैं मेरे पूरे परिवार के साथ असहाय और हताश होकर यह कदम उठाने को मजबूर हूं.. मैंने मेरी बहनों की हत्या कर दी है। जब पुलिस को यह वीडियो मिलता है, मेरी गुजारिश है कि वे इसके लिए क्षेत्र के लोगों को जिम्मेदार ठहराएं।”

उसने कहा कि उसके परिवार ने उनके खिलाफ कार्रवाई करने की पूरी कोशिश की, लेकिन नाकाम रहे। अरशद ने रानू उर्फ आफताब, अहमद, अलीम खान, सलीम ड्राइवर, अहमद रानू, आरिफ और अजहर को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया। उसका आरोप है कि ये लोग एक भूमाफिया गिरोह से जुड़े हैं और लड़कियों सहित मानव तस्करी में लिप्त हैं।

अरशद ने जुर्म स्वीकारते हुए कहा, “इन लोगों की योजना हमें झूठे मामले में फंसाने और हमें जेल भेजने की थी और हमारी बहनों को हैदराबाद के एक व्यक्ति को बेचने की थी। यह सब हम बर्दाश्त नहीं कर सकते थे जिसकी वजह से हमें यह कदम उठाने को मजबूर होना पड़ा।”

अरशद ने दावा किया कि उसने पुलिस और विभिन्न राजनीतिक समूहों से मदद मांगी थी, लेकिन कोई भी उनकी मदद के लिए आगे नहीं आया।

भाषा सं राजेंद्र मनीषा अविनाश

अविनाश



Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *