दिल्ली में पुजारियों के लिए योजना को लेकर छिड़ी राजनीतिक जंग, केजरीवाल ने पंजीकरण प्रक्रिया शुरू की

Ankit
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नयी दिल्ली, 31 दिसंबर (भाषा) आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख अरविंद केजरीवाल द्वारा घोषित ‘पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना’ को लेकर मंगलवार को राजनीतिक जंग छिड़ गई। केजरीवाल ने इस योजना के लिए यहां कश्मीरी गेट स्थित एक मंदिर में पंजीकरण प्रक्रिया शुरू की।


केजरीवाल को पंजीकरण प्रक्रिया का शुभारंभ कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर में करना था। हालांकि कनॉट प्लेस मंदिर के पुजारियों के एक समूह द्वारा मानदेय की घोषणा 10 वर्ष के विलंब के बाद करने को लेकर विरोध प्रदर्शन किये जाने के बीच केजरीवाल ने कार्यक्रम स्थल बदल दिया।

भाजपा ने केजरीवाल की आलोचना करते हुए उन्हें ‘चुनावी हिंदू’ करार दिया और एक वीडियो जारी करके आप नेताओं द्वारा हिंदू धर्म का अपमान करने के कथित उदाहरणों को उल्लेखित किया।

आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को घोषणा की कि अगर उनकी पार्टी दिल्ली में फिर से सत्ता में आती है, तो मंदिरों के पुजारियों और गुरुद्वारों के ग्रंथियों को 18,000 रुपये मासिक मानदेय दिया जाएगा।

मंगलवार को कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर राजनीतिक अखाड़े में तब्दील हो गया, क्योंकि आप और भाजपा कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

केजरीवाल ने पहले हनुमान मंदिर से पंजीकरण प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की थी। हालांकि वह कनॉट प्लेस हनुमान मंदिर नहीं पहुंचे और इसके बजाय उत्तरी दिल्ली के कश्मीरी गेट स्थित ‘मरघट वाले बाबा’ मंदिर पहुंचे और वहां पुजारी का पंजीकरण किया।

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने भी करोल बाग के एक गुरुद्वारे में ग्रंथियों के लिए पंजीकरण प्रक्रिया का शुभारंभ किया। हालांकि, आम आदमी पार्टी ने पहले दिन योजना के लिए पंजीकृत पुजारियों और ग्रंथियों की संख्या के बारे में विवरण साझा नहीं किया।

केजरीवाल अपनी पत्नी सुनीता के साथ मरघट वाले बाबा मंदिर गए और वहां पुजारी का पंजीकरण किया। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘आज मैंने मरघट बाबा के मंदिर (आईएसबीटी) का दौरा किया और पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना का शुभारंभ किया। आज यहां महंत जी का जन्मदिन है। मैंने उनके साथ उनका जन्मदिन भी मनाया।’’

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा ने योजना के लिए पंजीकरण प्रक्रिया को रोकने की पूरी कोशिश की और कहा कि कोई भी एक भक्त को भगवान से मिलने से नहीं रोक सकता।

दिल्ली में मानदेय को लेकर राजनीति तेज होने के बीच पुजारियों के एक समूह ने 10 साल की देरी के बाद मानदेय की घोषणा करने को लेकर केजरीवाल के खिलाफ कनॉट प्लेस मंदिर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।

केजरीवाल ने कहा कि भाजपा को उन्हें कोसने के बजाय अपने शासित राज्यों में ‘पुजारी ग्रंथी’ योजना लागू करनी चाहिए।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाने वाले केजरीवाल कभी हिंदू राष्ट्रवादी नहीं हो सकते। दिल्ली की जनता ने अवसरवादी ‘चुनावी हिंदू’ को दिल्ली के सत्ता के गलियारों से विदाई देने का संकल्प ले लिया है।’’

सचदेवा ने पार्टी के सोशल मीडिया विभाग द्वारा तैयार एक वीडियो कोलाज भी जारी किया, जिसमें केजरीवाल और उनकी पार्टी के नेताओं के हिंदू धर्म का कथित रूप से अपमान करने वाले बयानों की पुरानी क्लिप दिखाई गई हैं।

भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल द्वारा घोषित ‘पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना’ को आगामी विधानसभा चुनावों से पहले ‘तुष्टीकरण’ का कदम बताते हुए इसकी आलोचना की।

नयी दिल्ली की सांसद बांसुरी ने एक संवाददाता सम्मेलन में केजरीवाल को ‘महिला सम्मान योजना’ सहित उनके द्वारा घोषित योजनाओं को लागू करने की चुनौती दी और कहा कि फिलहाल कोई आदर्श आचार संहिता लागू नहीं है।

स्वराज ने कहा, ‘‘केजरीवाल वादे क्यों कर रहे हैं? अगर वह वाकई पुजारियों और ग्रंथियों की मदद करना चाहते हैं, तो उन्हें तुरंत मंत्रिमंडल की बैठक बुलानी चाहिए और उन्हें 18,000 रुपये का लाभ देना चाहिए। आखिरकार, यह उनकी सरकार है।’’

उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने पुजारियों और ग्रंथियों को 18,000 रुपये देने का चुनावी वादा किया था, लेकिन इमाम जो पहले से ही लाभ प्राप्त कर रहे थे, अब 17 महीनों से लंबित अपने वेतन के भुगतान के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने भाजपा पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि पार्टी केजरीवाल की घोषणा से निराश है और अपने अगले कदम के बारे में अनिश्चित है। उन्होंने कहा कि 20 राज्यों में शासन करने और हिंदू हितों की समर्थक होने का दावा करने के बावजूद भाजपा ने कभी ऐसी योजना लागू नहीं की।

भाषा अमित सुरेश

सुरेश



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