आईसीसी ट्रॉफी का इंतजार खत्म किया पर घरेलू श्रृंखला में मिली हार |

Ankit
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नयी दिल्ली, 25 दिसंबर (भाषा) भारतीय क्रिकेट के लिए वर्ष 2024 उतार चढ़ाव वाला रहा तथा जहां टीम ने आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) ट्रॉफी जीतने के लंबे इंतजार को खत्म किया वहीं उसे घरेलू श्रृंखला में हार झेलनी पड़ी।


भारतीय क्रिकेट में इस साल बदलाव का दौर भी शुरू हुआ। इसकी शुरुआत कुछ दिग्गज खिलाड़ियों के अपेक्षित और अप्रत्याशित संन्यास के साथ हुई।

भारतीय क्रिकेट टीम आईसीसी ट्रॉफी जीतने के लिए बेताब थी क्योंकि पिछले एक दशक में वह अधिकतर नॉकआउट चरण में बाहर होती रही। इनमें पिछले साल वनडे विश्व कप का फाइनल भी शामिल है जहां उसे आस्ट्रेलिया से हार का सामना करना पड़ा था।

लेकिन रोहित शर्मा की अगुवाई वाली टीम ने अमेरिका और वेस्टइंडीज में खेले गए टी20 विश्व कप में शुरू से लेकर आखिर तक शानदार प्रदर्शन किया और ट्रॉफी जीती।

भारत ने चार स्पिनरों को टीम में रखा था जिनमें से रविंद्र जडेजा, अक्षर पटेल और कुलदीप यादव को ही खेलने का मौका मिला। जडेजा को बल्लेबाजी और गेंदबाजी में अपना जलवा दिखाने का खास मौका नहीं मिला लेकिन कुलदीप और अक्षर भारत के लिए ट्रंप कार्ड साबित हुए।

जसप्रीत बुमराह और अर्शदीप सिंह की तेज गेंदबाजी जोड़ी ने भी क्रमशः 15 और 17 विकेट लेकर अपनी भूमिका बखूबी निभाई।

बल्लेबाजी में रोहित ने आगे बढ़कर नेतृत्व किया। उन्होंने अपनी निर्भीक बल्लेबाजी से विरोधी टीमों के आक्रमण को ध्वस्त करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उनके सलामी जोड़ीदार कोहली शुरुआती मैचों में खास योगदान नहीं दे पाए लेकिन फाइनल में उन्होंने तब 76 रन की शानदार पारी खेली जबकि टीम खराब शुरुआत के कारण संकट में दिख रही थी।

ऑल राउंडर हार्दिक पंड्या, इस टूर्नामेंट के बाद कप्तान नियुक्त किए गए सूर्यकुमार यादव और कार दुर्घटना में चोटिल होने के बाद वापसी करने वाले ऋषभ पंत ने भी उल्लेखनीय योगदान दिया।

रोहित, कोहली और जडेजा ने भारतीय टीम के चैंपियन बनने के बाद टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया। यह मुख्य कोच राहुल द्रविड़ के लिए भी शानदार विदाई थी जिनका कार्यकाल टी20 विश्व कप के बाद समाप्त हो गया था।

रोहित के संन्यास लेने के बाद पूरी उम्मीद थी की हार्दिक इस छोटे प्रारूप में कप्तानी का दायित्व संभालेंगे लेकिन द्रविड़ की जगह मुख्य कोच का पद संभालने वाले गौतम गंभीर की सोच अलग थी क्योंकि उन्होंने टी20 में भारत के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज सूर्यकुमार को कप्तान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

भारत के टी20 श्रृंखला के लिए दक्षिण अफ्रीका दौरे में तिलक वर्मा और संजू सैमसन ने बल्लेबाजी में जबकि वरुण चक्रवर्ती ने गेंदबाजी में अपना कमाल दिखाया।

भारत को हालांकि न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन टेस्ट मैच के घरेलू श्रृंखला में 0–3 से अप्रत्याशित हार का सामना करना पड़ा। इससे पहले भारतीय टीम ने अपने आक्रामक तेवर दिखाकर बांग्लादेश को दोनों टेस्ट मैच में पराजित किया था।

उम्मीद की जा रही थी कि भारतीय टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ भी इसी तरह का रवैया अपनाएगी लेकिन परिस्थितियां एकदम से बदल गई और न्यूजीलैंड ने उसे तीनों मैच में करारी हार का स्वाद चखाया।

इसके बाद कुछ सीनियर खिलाड़ियों के भविष्य को लेकर चर्चा शुरू हो गई तथा हाल में रविचंद्रन अश्विन का अचानक संन्यास लेना भी इसी का परिणाम माना जा रहा है।

इस साल के आखिर में जय शाह आईसीसी के नए अध्यक्ष बने जिससे विश्व क्रिकेट में भारत के प्रभाव का भी पता चलता है। वह जगमोहन डालमिया, शरद पवार, एन श्रीनिवासन और शशांक मनोहर के बाद इस पद पर आसीन होने वाले पांचवें भारतीय हैं।

शाह ने पाकिस्तान की मेजबानी में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी पर मंडरा रहे खतरे के बादलों को दूर करके तुरंत ही अपनी जीवंंत उपस्थिति दर्ज कराई। भारत को चैंपियंस ट्रॉफी के लिए पाकिस्तान का दौरा करने की जरूरत नहीं है और वह अपने मैच दुबई में खेलेगा।

इसी तरह से भारत में होने वाले टूर्नामेंट के अपने मैच पाकिस्तान किसी तटस्थ स्थल पर खेलेगा।

इस साल इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की नीलामी सऊदी अरब के जेद्दा में आयोजित की गई जिसमें ऋषभ पंत (27 करोड़ रुपये) और श्रेयस अय्यर (26.75 करोड़) सबसे महंगे बिकने वाले खिलाड़ी रहे।

अगर भारतीय महिला टीम के प्रदर्शन की बात करें तो वह टी20 विश्व कप में शुरुआत में ही बाहर हो गई थी लेकिन उसने हाल में वेस्टइंडीज को घरेलू टी20 श्रृंखला में हराकर इसकी कुछ भरपाई की। यह पिछले पांच वर्षों में पहला अवसर है जबकि भारतीय टीम ने घरेलू श्रृंखला जीती।

भाषा

पंत

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