अयोध्या (उप्र), 24 दिसंबर (भाषा) अयोध्या में तालाबों पर कथित अवैध निर्माण और अतिक्रमण के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई की शुरुआत करते हुए प्रशासन ने रविवार को दो जगहों पर ध्वस्तीकरण कार्य किया।
फैजाबाद से समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने इस कार्रवाई को गलत बताते हुए पीड़ितों के पक्ष में आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया है।
उप जिलाधिकारी विकास दुबे ने मंगलवार को बताया, ”सप्तसागर तालाब 1952 से अस्तित्व में है जिस पर कुछ स्थानीय निवासियों ने अतिक्रमण करके उसे धीरे-धीरे पाट दिया था। तालाब 2021 तक दिखता था और इसकी तस्वीर भू अभिलेखों में दिखाई देती है। इस पर धीरे-धीरे अतिक्रमण किया गया था। पहले भी कई मौकों पर प्रशासन ने इन लोगों को तालाब पर अतिक्रमण न करने के लिए कहा था लेकिन उन्होंने अधिकारियों की बात नहीं मानी, जिसके बाद प्रशासन ने कार्रवाई की।”
बुलडोजर कार्रवाई में अपना घर गंवाने वाली मनीषा गुप्ता ने दावा किया कि उन्होंने 2018 में सप्तसागर कॉलोनी में जमीन खरीदी थी मगर आज बुलडोजर की कार्रवाई में उनके नए बने घर को ध्वस्त कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि उन्होंने जमीन की रजिस्ट्री करायी थी और फैजाबाद तहसील में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा उनके पक्ष में स्वामित्व का अंतरण किया गया था। इसके बाद अयोध्या विकास प्राधिकरण ने मानचित्र स्वीकृत किया और विकास शुल्क का भुगतान किया गया।
गुप्ता ने कहा कि सर्वेक्षण के आधार पर भवन निर्माण के लिए बैंक से ऋण भी लिया गया। इसके बावजूद बिना किसी नोटिस के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई।
इस बीच, फैजाबाद से समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा कि सभी वैध दस्तावेज होने के बावजूद सप्तसागर कॉलोनी के नवनिर्मित मकानों को बिना किसी नोटिस के आधी रात को गिरा दिया गया जिससे कई लोग बेघर हो गए।
प्रसाद ने घोषणा की कि समाजवादी पार्टी बुलडोजर की कार्रवाई के पीड़ितों के लिए अयोध्या में आंदोलन शुरू करेगी।
इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए अयोध्या के उपजिलाधिकारी विकास दुबे ने कहा कि सप्तसागर की जमीन प्लॉट संख्या 69 की है, जबकि सप्तसागर की जमीन पर मकान बनाने वाले लोगों की जमीन प्लॉट संख्या 95 के तहत दर्ज हैं।
भाषा सं. सलीम नोमान
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