योगी आदित्यनाथ ने आंबेडकर के ‘अपमान’ के लिए कांग्रेस पर साधा निशाना

Ankit
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लखनऊ, 24 दिसंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा कि पार्टी ने हमेशा बाबा साहब भीमराव आंबेडकर का अपमान किया और वह कभी नहीं चाहती थी कि आंबेडकर संसद में जाएं।


योगी ने यह भी दावा किया कि भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू संविधान की मसौदा समिति में आंबेडकर को शामिल किए जाने के खिलाफ थे।

राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा आंबेडकर के खिलाफ की गयी कथित अपमानजनक टिप्पणी के विरोध में कांग्रेस के देशव्यापी प्रदर्शन के बीच मंगलवार को यहां पांच कालिदास मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास पर योगी आदित्यनाथ ने जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण के साथ संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया।

योगी ने कहा कि आंबेडकर ने देश में दलितों और वंचितों के लिए आशा की एक किरण जगाई। उन्होंने विपक्षी दल पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘कौन नहीं जानता है कि 1952 के पहले आम चुनाव में बाबा साहब को मुंबई नॉर्थ से और फिर 1954 में उपचुनाव हराने का कार्य भी कांग्रेस ने ही किया था। पडित नेहरू बाबा साहब के विरोध में प्रचार करने गये थे।’’

मुख्यमंत्री ने दावा किया, ‘‘कांग्रेस कभी नहीं चाहती थी कि आंबेडकर संसद में जाएं। यह सबको पता है कि पंडित नेहरू नहीं चाहते थे कि बाबा साहब संविधान सभा का हिस्सा बनें।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘कांग्रेस नहीं चाहती थी कि बाबा साहब को संविधान सभा की मसौदा समिति का अध्यक्ष बनाया जाए। लेकिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हस्तक्षेप से यह संभव हो पाया।’’

उन्होंने विपक्षी दल पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘कांग्रेस ने अपनी इस मंशा का परिचय बाबा साहब के प्रति तब भी दिया जब संप्रग (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) की सरकार थी। उस समय उन्होंने पाठ्यपुस्तकों में उस कार्टून को शामिल किया, जिसमें पंडित नेहरू द्वारा बाबा साहब के चित्र को कोड़े मारते दिखाया गया, यह कांग्रेस की कुत्सित मानसिकता को दिखाता है।’’

योगी ने कहा कि बाद में जब विरोध हुआ तो तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल को माफी मांगनी पड़ी थी और पुस्तकों को वापस लेना पड़ा था।

उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बाबा साहब की भावनाओं के अनुरूप कार्य करने का श्रेय देते हुए कहा, ‘‘आज जो कुछ भी कार्य मोदी की सरकार में किये जा रहे हैं, उनमें पहली बार दलित व वंचित ईमानदारी से शासन की योजनाओं का हिस्सा बने हैं।’’

योगी ने कहा कि बाबा साहब इसी बात के लिए सदैव प्रेरणा प्रदान करते थे और उनके इसी बात से प्रेरित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपने अभियान को पूरी प्रतिबद्धता से आगे बढा रही है।

मुख्यमंत्री ने दावा किया, ‘‘एक ओर भाजपा उन मूल्यों और उन आदर्शों के प्रति समर्पित होकर कार्य कर रही है, दूसरी तरफ कांग्रेस है, जिसका इतिहास देश के अंदर भारत के दलितों, वंचितों का अपमान करना, जिसका इतिहास तुष्टिकरण के आधार पर दलितों व वंचितों को उनके अधिकारों से पूरी तरह रोकने की एक कुत्सित चेष्टा का एक हिस्सा रहा है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि देश को विभाजन के कगार पर पहुंचाने का कार्य भी कांग्रेस ने किया।

पिछले मंगलवार को संविधान पर राज्यसभा में बहस का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा था, ‘‘अभी एक फैशन बन गया है…आंबेडकर, आंबेडकर….। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।’’ शाह के इस बयान के लिए विपक्षी दलों के नेताओं ने उनकी तीखी आलोचना की है।

योगी ने कहा, ‘‘हम सब जानते हैं कि देश की आजादी के आंदोलन में और संविधान निर्माण के दौरान और स्वतंत्र भारत में बाबा साहब का एक बड़ा योगदान था। समय समय पर उनकी अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका रही।”

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘वह (आंबेडकर) भारत माता के एक महान सपूत थे। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में तमाम प्रकार के सामाजिक बंधनों का सामना करते हुए उच्च शिक्षा अर्जित की। वित्त अर्थव्यवस्था व कानून के क्षेत्र में दुनिया की सर्वश्रेष्ठ डिग्री अर्जित की और फिर उसके माध्यम से उन्होंने भारत को अपने ज्ञान से आलोकित करने में अपनी पूरी ताकत लगायी।’’

योगी ने कहा कि संविधान शिल्पी के रूप में हर भारतवासी बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के प्रति श्रद्धा व सम्मान का भाव रखता है। उन्होंने कहा कि एक ओर बाबा साहब आंबेडकर के प्रति सम्मान का भाव, उनके सपने का भारत बनाने के लिए भाजपा सदैव पूरी ईमानदारी व प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।

भाषा अभिनव आनन्द आशीष

आशीष



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